मुसलमानों का JDU से हुआ मोहभंग? मटन और चिकेन बिरयानी भी नहीं लुभा पाया मुस्लिम कार्यकर्ताओं को
By एस पी सिन्हा | Published: November 22, 2018 08:27 PM2018-11-22T20:27:13+5:302018-11-22T20:27:13+5:30
पटना के एसकेएमसीएच में आयोजित जदयू के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सम्मेलन में जो तस्वीर दिखी वह पार्टी के लिए पूरी तरह से निराशाजनक थी। पटना जिला के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सम्मेलन में आधी से अधिक कुर्सियां खाली रह गईं।
बिहार के मुसलमानों का मोह क्या जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भंग होते जा रहा है? यह सवाल इसलिए उठने लगा है क्योंकि आज पटना में आयोजित जदयू के अल्पसंख्यक कार्यकर्त्ता सम्मलेन में मुसलमान कार्यकर्त्ता पहुंचे ही नहीं। जदयू ने अल्पसंख्यक कार्यकर्त्ता सम्मलेन में आनेवाले मुस्लिम कार्यकर्ताओं के मटन और चिकेन बिरयानी की पूरी व्यवस्था की थी। लेकिन, मटन और चिकेन बिरयानी भी मुसलमान कार्यकर्ताओं को रिझाने में विफल रही।
पटना के एसकेएमसीएच में आयोजित जदयू के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सम्मेलन में जो तस्वीर दिखी वह पार्टी के लिए पूरी तरह से निराशाजनक थी। पटना जिला के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सम्मेलन में आधी से अधिक कुर्सियां खाली रह गईं।
इस सम्मेलन में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और आरसीपी सिंह भी मौजूद थे। सम्मेलन के जरिये जदयू की कोशिश थी कि अल्पसंख्यकों को रिझाया जाए, लेकिन ऐसा नही हो सका। अल्पसंख्यक सम्मेलन में आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए लजीज व्यंजन बनाए गए थे। मेनू में मटन बिरयानी और चिकेन बिरयानी की व्यवस्था थी फिर भी कार्यकर्ता नहीं पहुंचे।
खानसामों के मुताबिक कार्यकर्ताओं की भूख मिटाने के लिए 6 क्विंटल मटन की व्यवस्था की गई थी। 4000 लोगों के खाने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन, हजार पाच सौ अल्पसंख्यक कार्यकर्त्ता भी नहीं पहुंचे। सम्मलेन की कुर्सियां खाली रह गई। जब कार्यकर्त्ता नहीं पहुंचे तो सम्मलेन में आने वाले लोगों के खाने की व्यवस्था करनेवाले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद फिरोज अहमद गुस्से से लाल हो गए। सभा के दौरान हॉल की खाली कुर्सियां देख मंत्री जी कार्यक्रम के आयोजक पर भड़क गए।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद ने कहा कि ये बेहद शर्म की बात है कि इतने बड़े कार्यक्रम में हॉल तक नहीं भर पाया। मंत्री ने कहा कि मंच पर बैठे लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी था इस सम्मेलन तक लोगों को लाना। हालांकि कुर्सियां खाली रहने के बाद भी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का ये दावा था कि बिहार के मुसलमान नीतीश कुमार के ही साथ हैं।