मुंडका अग्निकांड: हादसे के दो दिन बात इमारत का फरार मालिक गिरफ्तार, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, 27 लोगों की हुई थी मौत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 16, 2022 08:02 AM2022-05-16T08:02:44+5:302022-05-16T08:07:08+5:30
नयी दिल्लीः बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में एक इमारत में भीषण आग लगने की घटना के दो दिन बाद रविवार को उसके मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। इस अग्निकांड में कम से कम 27 लोगों की मौत हुई है। बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने कहा, ''हमें सूचना मिली थी कि मनीष लाकड़ा उत्तराखंड के हरिद्वार की ओर जा रहा है। हमने जाल बिछाया और दिल्ली तथा हरियाणा के कई स्थानों पर छापेमारी करने के बाद उसे घेवरा मोड़ पर पकड़ लिया।''
पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मनीष लाकड़ा व्यावसायिक इमारत की चौथी मंजिल पर रहता था और हादसे के दौरान वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ बगल की इमारत में भागने में सफल रहा था। पूछताछ के दौरान लाकड़ा ने पुलिस को बताया कि वह अपने घर में सो रहा था और जब वह जागा तो उसे बदबू महसूस हुई और परिवार के लोगों ने देखा कि पूरी इमारत में धुआं भर रहा है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''उन्होंने (लाकड़ा और उसका परिवार) महसूस किया कि इमारत में आग लग गई है, जिसके बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों को मदद के लिए बुलाया। हालांकि, वे बगल की इमारत के जरिये बच निकलने में सफल रहे।'' उन्होंने कहा कि फिलहाल लाकड़ा की पत्नी, भाई और मां परिवार के बच्चों के साथ लापता हैं।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने अब तक 27 शव बरामद किए हैं और उनमें से 14 की पहचान महिलाओं के रूप में तथा छह की पहचान पुरुषों के रूप में हुई है। हादसे के बाद 19 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इस हादसे में 17 लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस के अनुसार, इमारत लाकड़ा के पिता की है, जिनकी 2015 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से वही इसका मालिक था। इमारत में सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने वाली एक कंपनी का कार्यालय था। आग संभवत: उसी कंपनी के कार्यालय से शुरू हुई। यह कंपनी 2017 से ही इमारत में चल रही थी। इस कंपनी के मालिक हरीश और विजय गोयल नामक दो सगे भाई हैं, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आग लगने के समय इमारत की दूसरी मंजिल पर एक प्रेरक कार्यक्रम चल रहा था।
पुलिस ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया से आई पिता-पुत्र की जोड़ी कार्यक्रम का संचालन कर रही थी। कार्यक्रम का आयोजन कंपनी द्वारा किया गया था और उसके सभी कर्मचारी मौजूद थे। पुलिस उपायुक्त ने कहा, ''भीषण आग और बहुत अधिक धुआं होने के कारण कई लोग इमारत के अंदर फंस गए तथा बाहर नहीं आ सके क्योंकि वहां एक ही प्रवेश एवं निकास द्वार था।'' उपायुक्त ने बताया कि लाकड़ा आग लगने की घटना के बाद से फरार था जिसे पकड़ने के लिए दिल्ली और हरियाणा में छापेमारी की गई।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इमारत के भूतल पर एक दुकान थी जबकि पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर कोफे इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कार्यालय था। यह कंपनी सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने का काम करती थी। इसमें 100 से अधिक कर्मचारी काम करते थे। पुलिस के मुताबिक, अज्ञात शवों को मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुंडका इमारत अग्निकांड की मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मंजूरी दे दी है। यह जांच छह सप्ताह में पूरी होगी। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। दिल्ली सरकार ने रविवार शाम को इस अग्निकांड की मजिस्ट्रेट जांच के संबंध में एक आदेश जारी किया। अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी (पश्चिम) संबंधित विभागों और एजेंसियों की ओर से हुई चूक की जांच करेंगे और घटना के लिए जिम्मेदार रहे अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश करेंगे।