क्या 16 भाषाएं सीखने वाले छत्रपति संभाजी महाराज मूर्ख थे?, उद्धव और राज ठाकरे पर बरसे शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 6, 2025 20:03 IST2025-07-06T20:02:49+5:302025-07-06T20:03:36+5:30
देवेंद्र फडणवीस सरकार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तीन भाषा नीति पर दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने को अपनी ‘‘सफलता’’ के तौर पर चिह्नित किया।

file photo
छत्रपति संभाजीनगरः एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने राज्य के स्कूलों में हिंदी और त्रिभाषा नीति के सख्त विरोध को लेकर उद्धव और राज ठाकरे पर हमला करने के लिए छत्रपति संभाजी महाराज के बहुभाषाविद् होने का हवाला दिया। ठाकरे भाइयों ने शनिवार को मुंबई में दो दशकों में पहली बार एक संयुक्त रैली की, जिसमें उन्होंने देवेंद्र फडणवीस सरकार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तीन भाषा नीति पर दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने को अपनी ‘‘सफलता’’ के तौर पर चिह्नित किया।
इस कार्यक्रम में शिवसेना (उबाठा) के नेता उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने राज्य में हिंदी "थोपने" और मराठी को "दरकिनार" करने के सरकार के सभी प्रयासों का विरोध करने का संकल्प लिया। गायकवाड़ ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘छत्रपति संभाजी महाराज ने 16 भाषाएं सीखी थीं तो क्या वह मूर्ख थे?
ताराबाई और जीजाबाई हिंदी सहित कई भाषाएं जानती थीं। क्या वे भी मूर्ख थीं? हमें जितनी हो सके उतनी भाषाएं सीखनी चाहिए।’’ बुलढाणा से विधायक ने ठाकरे भाइयों पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘भाषा के मुद्दे पर राजनीति करना गलत है। अगर हम आतंकवाद को रोकना चाहते हैं तो हमें उर्दू भी सीखनी चाहिए। मैंने यह कई बार कहा है।’’ इतिहासकारों के अनुसार, छत्रपति संभाजी महाराज काफी पढ़े-लिखे शासक थे जिन्हें संस्कृत, मराठी सहित कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान था।