मुंबई पुलिस ने कहा-अर्नब गोस्वामी ने रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए बीएआरसी सीईओ के साथ रची साजिश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 23, 2021 08:32 PM2021-06-23T20:32:57+5:302021-06-23T20:33:58+5:30
कथित फर्जी टेलीविजन रेटिंग प्वॉइंट्स (टीआरपी) घोटाले में मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने मंगलवार को यहां मजिस्ट्रेट की अदालत में तीसरा आरोप-पत्र दायर किया है।
मुंबईः मुंबई पुलिस के अनुसार वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने रिपब्लिक टीवी चैनल की रेटिंग सुधारने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के तत्कालीन सीईओ पार्थो दासगुप्ता के साथ मिलकर टीआरपी में गैरकानूनी तरीके से छेड़खानी की तथा इस काम में मदद देने के लिए दासगुप्ता को पैसा भी दिया।
मुंबई पुलिस की ओर से अदालत में दायर पूरक आरोप-पत्र में यह दावा किया गया है। पूरक आरोप पत्र में दोनों आरोपियों के बीच वॉट्सऐप पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए इसे ‘महत्वपूर्ण साक्ष्य’ बताया गया है। कथित फर्जी टेलीविजन रेटिंग प्वॉइंट्स (टीआरपी) घोटाले में मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने मंगलवार को यहां मजिस्ट्रेट की अदालत में तीसरा आरोप-पत्र दायर किया है।
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के चैनलों को चलाने वाले एआरजी आउटलियर मीडिया के अलावा पुलिस ने नये आरोपपत्र में छह अन्य आरोपियों को भी नामजद किया है, जिनमें रिपब्लिक समूह के चैनलों के कुछ कर्मचारियों को भी नामजद किया गया है।
आरोप-पत्र में कहा गया, ‘‘हमारे पास मौजूद साक्ष्य यह बताते हैं कि उन्होंने (गोस्वामी और दासगुप्ता) ने बीएआरसी के बारे में गोपनीय जानकारियों का बार-बार आदान-प्रदान किया और यह गोस्वामी के चैनलों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।’’
पुलिस ने आगे कहा कि उनके पास ऐसे साक्ष्य है जो बताते हैं कि टीआरपी में छेड़छाड़ करने में सहायता के बदले गोस्वामी ने दासगुप्ता को भुगतान भी किया और यह ‘‘दासगुप्ता के आवास से बरामद हुए गहनों और महंगी वस्तुओं से साबित होता है।’’ इससे पहले के आरोप-पत्र में भी दासगुप्ता का नाम आरोपी के तौर पर शामिल था। उन्हें पिछले वर्ष दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था और अभी वह जमानत पर हैं।
इस साल मार्च में बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस से सवाल किया था कि अगर जांचकर्ताओं का यह मानना है कि उसके पास गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं तो उन्हें इसमें आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। गोस्वामी और एआरजी आउटलियर मीडिया ने पिछले साल उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके कथित टीआरपी कांड में कई राहतों का अनुरोध किया था।