मुंबईः मशीन में मजदूर का कटा हाथ, कोकिलाबेन अस्पताल के डॉक्टरों ने 7 घंटे में जोड़ा, बोला मरीज- जिंदगी भर कर्जदार रहूंगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 21, 2022 05:27 PM2022-02-21T17:27:59+5:302022-02-21T17:38:32+5:30
डॉ अमोल घालमे ने कहा कि सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी। इसमें ऊपरी हाथ का फ्रैक्चर भी ठीक करना था। डॉ काजी ने आगे कहा, मरीज़ को नियमित ड्रेसिंग के साथ-साथ कुछ स्किन ग्राफ्टिंग भी करना पड़ा। दो हफ्ते बाद उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया गया।
मुंबईः यहां के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मरीज के कटे हाथ को जोड़ने का सफल सर्जरी किया है। 25 वर्षीय विनोद गुप्ता का हाथ कोल्ड प्रेस ऑयल मशीन में फंस गया था जिसके बाद उसकी कलाई कट गई थी। साथ ही हाथ का ऊपरी हिस्सा फ्रैक्चर हो गया था। घटना 18 जनवरी की है। हादसे के बाद मरीज और उसके कटे हुए हाथ को गीले तौलिये में लपेट कर अस्पताल ले जाया गया था।
अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञों की एक टीम ने सात घंटें तक चली सर्जरी में मरीज के हाथ को सफलता पूर्वक जोड़ा दिया। सर्जरी को कई चरणों में पूरा किया गया। पहले चरण में दुर्घटना और आपातकालीन विशेषज्ञों की टीम ने रोगी की समग्र स्थिति को स्थिर करने, लगातार हो रहे रक्तस्राव को रोकने और शरीर में सभी महत्वपूर्ण कार्यों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं कीं। इस अगले चरण में, कटे हुए अंग की सर्जिकल सफाई की गयी और उस पर लगी धूल और मृत कोशिकाओं को हटाया गया। डॉ काजी अहमद और डॉ. अमोल घालमे ने इस चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया।
अस्पताल के सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अविनाश दाते ने टाइटेनियम इलास्टिक नेल (टेन्स नेल) से हाथ की टूटी हुई हड्डी को ठीक किया। इसके बाद डॉ. काजी अहमद और डॉ अमोल इन कंसल्टेंट प्लास्टिक सर्जन्स की टीम ने माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी की। हड्डियों और रक्त वाहिकाओं की मरम्मत की। और कटे हुए हाथ को दोबारा जोड़ा। डॉ अमोल घालमे ने कहा कि सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी। इसमें ऊपरी हाथ का फ्रैक्चर भी ठीक करना था। डॉ काज़ी ने आगे कहा, मरीज़ को नियमित ड्रेसिंग के साथ-साथ कुछ स्किन ग्राफ्टिंग भी करना पड़ा। दो हफ्ते बाद उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया गया।
वहीं मरीज विनोद गुप्ता ने सभी डॉक्टरों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "मैं दुर्घटना के बाद होश में था और उस समय मुझे लगा कि मैं अपना हाथ हमेशा के लिए खो दूंगा। लेकिन कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के डॉक्टरों ने मेरा हाथ बचा लिया। मैं उनका ऋणी हूं। अब मुझे उम्मीद है कि कुछ समय बाद मैं पहले की तरह, अपना सामान्य जीवन जी सकूंगा, और मेरा रोजगार शुरू हो जाएगा।"