1972 से लगातार 48 साल रहे इस गांव के प्रधान, 90 साल की उम्र में निधन, मुलायम सिंह यादव के थे बचपन के दोस्त
By विनीत कुमार | Published: October 18, 2020 02:40 PM2020-10-18T14:40:05+5:302020-10-18T14:40:05+5:30
मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई के प्रधान का शनिवार को लखनऊ में निधन हो गया। दर्शन सिंह यादव 1972 से लगातार गांव के प्रधान पद पर बने हुए थे। उनकी उम्र 90 साल थी।
समाजवादी पार्टी वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व में तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई के प्रधान का शनिवार को लखनऊ में निधन हो गया। वे 1972 से लगातार 48 सालों तक इस पद पर बने रहे थे। दर्शन सिंह यादव की उम्र 90 साल थी और वे मुलायम सिंह यादव के बचपन के दोस्त भी रहे हैं।
इटावा जिले का सैफई गांव कई मौकों पर चर्चा में रहा। खासकर यहां मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बात खूब होती है, जो भारत के शायद ही किसी गांव में हो। यहां एक सुपर स्पेसिएलिटी मेडिकल इंस्टट्यूट है, हवाई पट्टी है। साथ ही हॉकी स्टेडियम, क्रिकेट स्टेडियमस स्पोर्ट्स हॉस्टल और एक मेडिकल कॉलेज भी है।
अखिलेश यादव ने भी दर्शन सिंह यादव के निधन पर दुख जताया है। दर्शन सिंह यादव पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। इसके अलावा मुलायम सिंह यादव, सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और यादव परिवार के कई अन्य नेताओं ने भी दर्शन सिंह यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान यूपी सरकार ने दर्शन यादव को यश भारती पुरस्कार से भी नवाजा था। दर्शन ने पहली बार 1972 में ग्राम प्रधान का चुनाव जीता था। इसके बाद 1982, 1988 और 1995 में भी जब भी चुनाव हुए, वे विजयी रहे। साल 1995 तक पंचायत के चुनाव नियत समय पर नहीं होते थे लेकिन उसके बाद हमेशा पांच साल पर चुनाव हुए हैं और दर्शन यादव निर्विरोध जीत हासिल करते रहे।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी 2015 में सैफई जा चुके हैं। उस समय वे यादव परिवार में एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए सैफई गए थे। वहीं, एपीजे अब्दुल कलाम जब भारत के राष्ट्रपति थे तब उन्होंने 2004 में सैफई का दौरा किया था।
इसके अलावा सलमान खान, माधुरी दीक्षित, आलिया भट्ट, रितिक रोशन, जैकलीन फर्नांडीज, परिणीति चोपड़ा और अरिजीत सिंह सहित कई बॉलीवुड सितारों ने वार्षिक सैफई उत्सव में हिस्सा लिया है।
साल 2015 में भारतीय वायु सेना ने भी अपने दो मिराज 2000 फाइटर जेट को सैफई हवाई पट्टी पर उतारा। वायु सेना ने यह देखने के लिए ऐसा किया था कि क्या इस हवाई पट्टी को आपात स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है।