नकवी ने पाकिस्तान मूल की ब्रिटिश सांसद को इस्लामोफोनिया के मुद्दे पर दिया जवाब, कही ये बड़ी बात
By मनाली रस्तोगी | Published: April 22, 2022 06:05 PM2022-04-22T18:05:56+5:302022-04-22T18:06:49+5:30
ब्रिटिश सांसद नाज शाह को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस्लामोफोनिया को लेकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों सहित भारत का प्रत्येक नागरिक सही और सुरक्षित है।
नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को ब्रिटिश सांसद नाज शाह को जवाब देते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों सहित भारत का प्रत्येक नागरिक सही और सुरक्षित है। दरअसल, शाह ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से अपनी दो दिवसीय यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 'इस्लामोफोनिया का मुद्दा' उठाने का आग्रह किया था। नकवी ने शाह के इसी आग्रह का जवाब दिया।
Please, don’t convert your prejudiced agenda of “India Phobia” into “Islamophobia”. Every Indian citizen including Minorities is safe and secure in India. “Co-existence” is our commitment and “Inclusivity” is our culture. 🙏🙏🙏 @NazShahBfdpic.twitter.com/yBpeHvzXfR
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) April 22, 2022
नकवी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "कृपया इंडिया फोबिया के अपने पूर्वाग्रही एजेंडे को इस्लामोफोबिया में न बदलें। अल्पसंख्यकों सहित प्रत्येक भारतीय नागरिक भारत में सही और सुरक्षित है। सह-अस्तित्व हमारी प्रतिबद्धता है और समावेश हमारी संस्कृति है।" नकवी ने नाज शाह के लंबे ट्विटर थ्रेड का तीखा जवाब दिया जिसमें उन्होंने दिल्ली में जहांगीरपुरी विध्वंस विवाद, कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध, उत्तर प्रदेश के सीतापुर में बलात्कार की धमकी की घटना आदि सहित हालिया घटनाओं पर भारतीय समाचार रिपोर्ट साझा कीं।
The rising tide of everyday hate & mob lynching against Muslims in India is becoming worrying.
— Naz Shah MP 💙 (@NazShahBfd) April 21, 2022
Dr Gregory Stanton who warned of early signs of genocide in Rwanda has now stated “There are early signs and processes of genocide” in India & Kashmir. (2)
बता दें कि शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा था, "बढ़ते तनाव के बीच भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं।" उन्होंने आगे लिखा। "मैं बोरिस जॉनसन से पूछती हूं कि नरसंहार की खतरे की घंटी, मुसलमानों की दैनिक लिंचिंग, मुस्लिम महिलाओं के बलात्कार का आह्वान और भारत में व्यवस्थित प्रकृति इस्लामोफोबिया को सामान्य किया जा रहा है, क्योंकि कोई व्यक्ति जो मानवाधिकारों का चैंपियन होने का दावा करता है, क्या आप इस मुद्दे को पीएम मोदी के सामने उठाएंगे?"