इंदौर में शनिवार को 3 और कोरोना पॉजिटिव लोगों की मौत हो गई। इस तरह पिछले 24 घंटे में कोरोना से 7 लोगो की मौत हुई है। शहर में इस महामारी से अभी तक 30 लोगों अपनी जान गँवा चुके है। वहीं, पॉजिटिव मरीजों की संख्या 249 हो गई है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार शनिवार को जिन तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई उनमें गोमतीनगर निवासी 52 साल का पुरुष, ग्रीन पार्क कॉलोनी निवासी 66 साल के बुजुर्ग और लोहा मंडी जवाहर मार्ग निवासी 75 साल की वृद्धा शामिल बताई गई है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रही संख्या को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिन और भी चुनौतीपूर्ण होंगे। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े आंकड़ों के अनुसार राज्य में वेंटिलेटर और आईसीयू में बिस्तरों की स्थिति भी विकट हो सकती है, यदि संक्रमितों के आंकड़ों में कमी लाने को लेकर गंभीर प्रयास नहीं किए गए।
मध्य प्रदेश सरकार के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि मध्य प्रदेश में प्रति 75,000 लोगों के लिए केवल एक वेंटिलेटर है और प्रति 47,000 लोगों के लिए मात्र एक आईसीयू बेड उपलब्ध है। हालांकि, राज्य सरकार के लिए यह संतोष की बात है कि इस महामारी से लड़ने के लिए कारगर मानी जा रही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां वर्तमान में प्रति व्यक्ति करीब 30 (गोलियां) उपलब्ध हैं।
असलियत में यह दवा मलेरिया के उपचार में काम आती है, लेकिन फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में दुनिभर में इसका प्रयोग हो रहा है। मध्य प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 440 पर पहुंच गयी है, जिनमें से 33 लोगों की मौत हो चुकी है। इस महामारी ने प्रदेश के जबलपुर में 20 मार्च को दस्तक दी थी और मात्र 21 दिन में इस बीमारी ने प्रदेश के 20 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। प्रदेश में इन्दौर में सर्वाधिक 235 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, जबकि भोपाल में 112 मरीज संक्रमित पाये गये हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार साढ़े सात करोड़ से अधिक आबादी वाले मध्य प्रदेश में सरकारी एवं निजी अस्पतालों को मिलाकर मार्च 2020 तक कुल 993 वेंटिलेटर और गहन चिकित्सा विभाग (आईसीयू) के 1,598 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। प्रदेश की साढ़े सात करोड़ से अधिक आबादी के साथ इन वेंटिलेटरों और आईसीयू बेडों की तुलना करने पर पता चलता है कि करीब प्रति 75,000 लोगों के लिए एक वेंटिलेटर है और प्रति 47,000 लोगों के लिए एक आईसीयू बेड है। लेकिन, इन वेंटिलेटरों एवं आईसीयू बेडों में से अधिकांश पर पहले से ही अन्य बीमारियों से जूझ रहे अति गंभीर मरीज हैं, जिससे मुसीबत और बढ़ सकती है।