भोपाल: मध्यप्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन अचानक बंद होने के बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सोमवार देर रात को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सियासी फेरबदल के बीच कांग्रेस का ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का कहना है कि सिंधिया को 'स्वाइनफ्लू' हो गया है। इसलिए उनसे बातचीत नहीं हो पा रही है।
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'हमने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात करने की कोशिश की, लेकिन हमें बताया गया है कि उन्हें स्वाइन फ्लू है, इसलिए वे बात नहीं कर पाएंगे।' मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, 'जो भी मध्य प्रदेश में जनादेश का अपमान करने की कोशिश करेगा, उसे जनता मुंहतोड़ जवाब देगी।'
इसके साथ ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं कि तीन चार्टर्ड विमान (जो कथित तौर पर कांग्रेस के विधायकों को बेंगलुरु ले गए थे) की व्यवस्था भाजपा ने की थी। यह मध्य प्रदेश के लोगों के जनादेश को उलटने की साजिश का हिस्सा है क्योंकि कमलनाथ ने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की है।
अब कमलनाथ नये सिरे से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं- मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार
मध्यप्रदेश की मंत्रिमंडल में कुल 28 मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि करीब आठ मंत्री सिंधिया के समर्थक हैं जो इस बैठक में मौजूद नहीं थे। उनके इस्तीफे आने बाकी हैं। इस्तीफा देने के बाद बैठक से बाहर निकलते समय मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक में हमने मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिये हैं। अब कमलनाथ नये सिरे से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं।’’ वहीं, इस्तीफा देने वाले एक अन्य मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘अभी-अभी हमने मंत्रिमंडल बैठक में मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंपे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं।’’
मध्य प्रदेश का पूरा गणित यहां समझे
मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।