गायों की तस्वीर ट्वीट कर दिग्विजय ने कहा- अगर कमलनाथ जी ने ऐसा कर दिया तो... सीएम ने दिया लंबा जवाब
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: October 12, 2019 11:17 AM2019-10-12T11:17:38+5:302019-10-12T11:17:38+5:30
दिग्विजय सिंह सड़क पर बैठी गायों की तस्वीर ट्वीट करते हुए जहां गौभक्तों और गौरक्षकों पर निशाना साधा, वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से गायों के लिए अनुकूल व्यवस्था करने की अपील कर दी। इस पर सीएम कमलनाथ ने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया लेकिन अगले दिन एक के बाद एक चार ट्वीट किए।
अपने बयानों और सोशल मीडिया के जरिये लोगों का ध्यान खींचने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल बीते गुरुवार (10 अक्टूबर) दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक तस्वीर ट्वीट कर गौ भक्तों और गौ रक्षकों को निशाना बनाया। तस्वीर सड़क पर बैठी गायों की थी। दिग्विजय सिंह ने इसी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से गायों के लिए अनुकूल व्यवस्था करने की अपील कर दी। इस पर सीएम कमलनाथ ने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया लेकिन अगले दिन एक के बाद एक चार ट्वीट कर दिग्विजय को जवाब दिया।
बता दें कि दिग्विजय सिंह ने गायों की तस्वीर वाले ट्वीट में लिखा था, ''यह चित्र है भोपाल इंदौर हाइवे का, जहं आवारा गऊ माता बैठी रहती हैं और लगभग हर दिन एक्सिडेंट में मर जाती हैं। कहं हैं हमारे गौ माता प्रेमी गौ रक्षक? मप्र शासन को तत्काल इन आवारा गौ माता को सड़कों से हटा कर गौ अभ्यारण या गौशालाओं में भेजना चाहिए।''
इसी के साथ एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''यदि कमल नाथ जी आपने तत्काल ऐसा करके दिखा दिया तो आप सच्चे गौ भक्तों में गिने जाएंगे और तथा कथित भाजपाई नेताओं को नसीहत मिलेगी।''
अगले दिन सीएम कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को टैग करते हुए जवाब दिया, ''प्रिय दिग्विजय जी, आपने भोपाल- इंदौर हाइवे पर बैठी, दुर्घटना का शिकार हो रही गौमाता का जिक्र किया। इनको लेकर सरकार को कुछ करना चाहिए, तो आपकी जानकारी के लिये बता दूं कि मैंने अभी कुछ दिनों पूर्व ही प्रदेश के सभी प्रमुख मार्गों पर, जहाँ बरसात के मौसम में खेतों की मिट्टी गीली होने की वजह से गौमाता सड़कों पर आकर बैठती है और वाहन दुर्घटना का शिकार होती है, उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अधिकारियों को एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। 1000 गौशालाओं का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
अगले वर्ष तक 3000 गौशालाएं बनाने का लक्ष्य है। गौशाला बनने के बाद ही गौमाता के सड़कों पर बैठने पर कमी आएगी। मैं इसको लेकर खुद चिंतित हूं। हम प्रमुख शहरों को आवारा पशु मुक्त बनाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। यह भी सच है कि हमारे लिये गौमाता सिसायत नहीं, आस्था व गौरव का प्रतीक है। गौमाता की रक्षा व संवर्धन के लिए जो कार्य वर्षों में नहीं हो पाए हैं, वह हम करना चाहते हैं।''