Monkeypox: केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी के आदेश दिए, NIV करेगा नमूनों की जांच, जानें क्या है मंकीपॉक्स

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 20, 2022 10:44 PM2022-05-20T22:44:32+5:302022-05-20T22:44:32+5:30

केंद्र ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को यूरोप और अन्य जगहों पर सामने आने वाले ताजा स्वास्थ्य संकट पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है। 

Monkeypox Centre orders surveillance at international entry points, NIV to test samples | Monkeypox: केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी के आदेश दिए, NIV करेगा नमूनों की जांच, जानें क्या है मंकीपॉक्स

Monkeypox: केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी के आदेश दिए, NIV करेगा नमूनों की जांच, जानें क्या है मंकीपॉक्स

Highlightsफ्रीका के यात्रियों के नमूने आगे की जांच के लिए एनआईवी भेजे जाएंगेब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका में लोग संक्रमित पाए गएमंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है

नई दिल्ली: कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले को देख केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई है। शुक्रवार को केंद्र ने सभी अंतरराष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं जैसे हवाई अड्डों, बंदरगाहों और भूमि सीमा क्रॉसिंग पर निगरानी शुरू कर दी है। वहीं लक्षण पाए जाने वाले अफ्रीका के यात्रियों के नमूने आगे की जांच के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजे जाएंगे। 

केंद्र ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को यूरोप और अन्य जगहों पर सामने आने वाले ताजा स्वास्थ्य संकट पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है। 

ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका में लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस इस बीमारी के संभावित संक्रमणों की जांच कर रहे हैं जिनमें मृत्यु दर 10 प्रतिशत हो सकती है। कुल मिलाकर, मंकीपॉक्स के 100 से अधिक संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आए हैं। हालांकि भारत में इसके मामले अब तक नहीं मिले है।

मंकीपॉक्स क्या है? 

मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है। मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक और चेचक की बीमारी पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं। 

क्या इसके लक्षण ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिये उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं।

कितना घातक है यह संक्रमण?

मंकीपॉक्स के मामले गंभीर भी हो सकते हैं। हाल के समय में, मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है, लेकिन यह 10 प्रतिशत तक हो सकता है। संक्रमण के वर्तमान प्रसार के दौरान मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है। 

संक्रमण का प्रसार कैसे होता है?

मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है।

Web Title: Monkeypox Centre orders surveillance at international entry points, NIV to test samples

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