इतिहास में फिर चूके पीएम मोदी? भगत सिंह से जेल में मिले थे नेहरू, आत्मकथा में किया मुलाकात का जिक्र
By भारती द्विवेदी | Published: May 11, 2018 03:05 PM2018-05-11T15:05:46+5:302018-05-11T15:05:46+5:30
पंडित जवाहर लाल नेहरू 9 अगस्त 1929 को भगत सिंह और बाकियों से मिलने लाहौर जेल गए थे।
नई दिल्ली, 11 मई: कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि 'जब शहीद भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त, वीर सावरकर जैसी महान लोग देश के लिए जेल में थे, तब क्या कोई भी कांग्रेस नेता उनसे मिलने गया था? 9 मई को @narendramodi_in ट्विटर हैंडल से भी ये ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधने की कोशिश की गई थी। हालांकि ये दावा उल्टा पड़ गया। पीएम नरेंद्र मोदी के इस ऑफिशियल अकाउंट से ये लिखा गया था- 'जब शहीद भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त, वीर सावरकर जैसी महान लोग देश के लिए जेल में थे, तब क्या कोई भी कांग्रेस नेता उनसे मिलने गया था? लेकिन जब भ्रष्टाचार के आरोपी जेल में होते हैं तो कांग्रेस नेता उनसे मिलने जाते हैं।' इस ट्वीट के अंत में पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट को भी टैग किया गया था।
When Shaheed Bhagat Singh, Batukeshwar Dutt, Veer Savarkar, greats like them were jailed fighting for the country's independence, did any Congress leader went to meet them? But the Congress leaders go and meet the corrupt who have been jailed: PM @narendramodi
— narendramodi_in (@narendramodi_in) May 9, 2018
इंडियन एक्सप्रेस ने 'द ट्रिब्यून' के हवाला देते हुए लिखा है कि जवाहर लाल नेहरू 9 अगस्त 1929 को भगत सिंह और बाकियों आरोपियों से मिलने लाहौर जेल गए थे। 10 अगस्त 1929 को 'द ट्रिब्यून' में छापी खबर के मुताबिक नेहरू ने कहा था- 'मैं कल सेंट्रल जेल और बोर्स्टल जेल गया था। वहां मैं सरदार भगत सिंह, मिस्टर बटुकेश्वर दत्त, मिस्टर जतीन्द्रनाथ दास और लाहौर कंस्परेसी केस के बाकी आरोपियों से मिला। जो कि भूख हड़ताल पर हैं। उन्हें जबरदस्ती नहीं खिलाया जा सकता और वो धीरे-धीरे मर रहे हैं। उनका अंत अब ज्यादा दूर नहीं हैं। खासकर के मिस्टर जतीन्द्रनाथ दास की हालत ज्यादा क्रिटिकल है। मेरे लिए इन बहादुर नौजवानों से मिलना और उनका दुख देखना बहुत दर्दनाक था।'
साथ ही इंडियन एक्सप्रेस पंडित नेहरू की ऑटोबायोग्राफी के पेज 193 का हवाला देते हुए भी लिखा है- 'मुझे जेल में कुछ कैदियों से मिलने की अनुमति दी गई और मैंने इसका लाभ उठाया। मैंने पहली बार भगत सिंह को देखा। उनके पास एक आकर्षक और बौद्धिक चेहरा था। वो बेहद शांत थे। उनके अंदर कोई गुस्सा नही था। उन्होंने मुझे देखा और विनम्रता से बात की।'