केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता बोनस के तौर पर 78 दिन का वेतन देने का बुधवार को फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का उत्पादकता बोनस देने का निर्णय किया गया।
उन्होंने बताया कि इस निर्णय से रेलवे के 11.52 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। यह लगातार छठा वर्ष है जब रेलवे कर्मियों को 78 दिन का बोनस दिया जा रहा है। इस निर्णय से 2024 करोड़ रुपये का बजटीय प्रभाव पड़ेगा। जावड़ेकर ने कहा कि इस निर्णय से रेलवे के कर्मचारी प्रोत्साहित होंगे और पूरी ताकत लगाकर काम करेंगे। रेलवे देश की जीवन रेखा है और इस दृष्टि से यह निर्णय महत्वपूर्ण है।
इस साल भी 11,52,000 कर्मचारियों को बोनस के रूप में 78 दिनों का वेतन मिलेगा। यह उत्पादकता का प्रतिफल है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मंत्रिमंडल ने ई-सिगरेट के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने को मंजूरी दी है। इसके साथ ही मोदी सरकार ने ई-सिगरेट कप पर बैन लगा दिया है।
भारत में ई-सिगरेट को बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट पर बैन का मतलब इसके उत्पादन, आयात-निर्यात, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है।
सरकार ने बुधवार को इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और आयात- निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अध्यादेश लाया जायेगा। इसका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर रोक लगाने का निर्णय किया है। इसमें ई सिगरेट के उम्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, भंडारण सभी पर पूरी तरह रोक होगी।’’
उन्होंने बताया कि ई- हुक्का को भी इसके तहत प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर राष्ट्रपति की अनुमति से अध्यादेश लाया जायेगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर इसमें सजा का भी प्रावधान है।
पहली बार गुनाह पर एक साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों है। जबकि बार बार गुनाह करने पर सजा 3 वर्ष होगी या 5 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों लगाये जा सकते हैं। सीतारमण उस मंत्री समूह (जीओएम) की अध्यक्ष रही है जिसने ई-सिगरेट के विषय पर विचार किया।