नई दिल्ली: मोदी सरकार ने फेस माक्स और हैंड सैनिटाइजर को अब आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के दायरे से बाहर कर दिया गया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब देश में चेहरा ढकने के मास्क और सैनिटाइजर की आपूर्ति पर्याप्त हैं, ये अब आवश्यक उत्पाद नहीं रह गए हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 13 मार्च को फेस मास्क और सैनिटाइजर को 100 दिन के लिए आवश्यक वस्तु घोषित किया था। उस समय कोरोना वायरस महामारी की वजह से इन उत्पादों की मांग में जोरदार इजाफा हुआ था। इन उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने तथा जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।
सरकार ने पहले नियम को इसलिए ही बदला था, क्योंकि बाजार में इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई थी। अब एक बार फिर नियम को बदलने का मतलब है कि 2-3 प्लाई सर्जिकल फेस मास्क, एन95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर की कीमतें फिर से बढ़ेंगी।
नंदन ने कहा, ‘‘इन दो उत्पादों को 30 जून तक आवश्यक वस्तु घोषित किया गया था। हम इसे और आगे नहीं बढ़ा रहे हैं, क्योंकि देश में इनकी पर्याप्त आपूर्ति है।’’ उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श से लिया गया है। नंदन ने कहा, ‘‘हमें सभी राज्यों से बात की हैं। उन्होंने सूचित किया है कि इन उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। आपूर्ति को लेकर कोई चिंता नहीं है।’’
भारत में कोविड-19 के 22,252 नए मामले सामने आने के बाद मंगलवार को देश में संक्रमण के मामले बढ़कर सात लाख के पार पहुंच गए। वहीं, 467 और लोगों की जान जाने के बाद इससे मरने वालों की संख्या 20,160 हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि लगातार पांचवे दिन देश में 20,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 7,19,665 पर पहुंच गई है।