मिजोरम: 33 साल बाद जोरमथांगा ने एमएनएफ अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, एमएनएफ की करारी हार के बाद लिया निर्णय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 5, 2023 06:59 PM2023-12-05T18:59:29+5:302023-12-05T19:01:00+5:30

जोरमथांगा खुद भी अपनी आइजोल ईस्ट-I सीट पर जेडपीएम के उपाध्यक्ष लालथनसांगा से 2,101 वोटों के अंतर से हार गए। साठ साल से अधिक पुरानी पार्टी एमएनएफ को विपक्षी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) से करारी हार का सामना करना पडा है, जिसे 2019 में निर्वाचन आयोग से मान्यता मिली थी।

Mizoram Zoramthanga resigns as MNF president after 33 years MNF defeat | मिजोरम: 33 साल बाद जोरमथांगा ने एमएनएफ अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, एमएनएफ की करारी हार के बाद लिया निर्णय

र्ष 1990 में लालडेंगा के निधन के बाद जोरमथांगा एमएनएफ के अध्यक्ष बने थे

Highlightsवर्ष 1990 में लालडेंगा के निधन के बाद जोरमथांगा एमएनएफ के अध्यक्ष बने थे एमएनएफ को इस चुनाव में केवल 10 सीटों पर जीत मिली हैविपक्षी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) से करारी हार का सामना करना पडा है

आइजोल: मिजोरम के निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की करारी हार के चलते मंगलवार को 33 साल के लंबे कार्यकाल के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। एमएनएफ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तावंलुइया को भेजे गए अपने त्याग पत्र में जोरमथांगा ने कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष के रूप में चुनावी हार के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं।

इस बीच, एमएनएफ के एक नेता ने कहा कि पार्टी जोरमथांगा का इस्तीफा स्वीकार करना है या नहीं, यह तय करने के लिए बुधवार को एक बैठक करेगी। उन्होंने पत्र में कहा, "एमएनएफ राज्य विधानसभा चुनाव जीतने में विफल रही। इस संबंध में, मैं पार्टी प्रमुख के रूप में नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। यह मानते हुए कि एमएनएफ अध्यक्ष के रूप में यह मेरा दायित्व है, मैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं और आपसे अनुरोध करता हूं कि इसे स्वीकार करें।”

वर्ष 1990 में लालडेंगा के निधन के बाद जोरमथांगा एमएनएफ के अध्यक्ष बने थे। पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ के महासचिव क्रॉस्नेहजोवा ने कहा कि एमएनएफ की राष्ट्रीय कोर कमेटी और उसके राजनीतिक मामलों की कमेटी की बुधवार को बैठक होगी जिसमें यह तय किया जाएगा कि जोरमथांगा का इस्तीफा स्वीकार किया जाए या नहीं। एमएनएफ को इस चुनाव में केवल 10 सीटों पर जीत मिली है जबकि 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को 26 सीट पर जीत हासिल हुई थी।

जोरमथांगा खुद भी अपनी आइजोल ईस्ट-I सीट पर जेडपीएम के उपाध्यक्ष लालथनसांगा से 2,101 वोटों के अंतर से हार गए। साठ साल से अधिक पुरानी पार्टी एमएनएफ को विपक्षी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) से करारी हार का सामना करना पडा है, जिसे 2019 में निर्वाचन आयोग से मान्यता मिली थी। चालीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में जेडपीएम को 27 सीटों पर जीत मिली है। एमएनएफ मिजोरम में तीन बार - 1998, 2003 और 2018 में चुनाव जीतकर सत्ता में आई थी। 

जेडपीएम ने राज्य विधानसभा चुनावों में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को सत्ता से बाहर कर दिया, जिसे केवल 10 सीट पर जीत मिली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिर्फ दो सीट पर और कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर सकी। एमएनएफ ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 26 सीट पर जीत दर्ज की थी। राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था, जहां 8.57 लाख से अधिक मतदाताओं में से 82 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

Web Title: Mizoram Zoramthanga resigns as MNF president after 33 years MNF defeat

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