जलशक्ति मंत्रालय को स्वीमिंग पुलों के लिए भूजल दोहन के बारे में विचार करने को कहा गया

By भाषा | Published: April 19, 2021 04:47 PM2021-04-19T16:47:13+5:302021-04-19T16:47:13+5:30

Ministry of Waterpower was asked to consider ground water exploitation for swimming bridges | जलशक्ति मंत्रालय को स्वीमिंग पुलों के लिए भूजल दोहन के बारे में विचार करने को कहा गया

जलशक्ति मंत्रालय को स्वीमिंग पुलों के लिए भूजल दोहन के बारे में विचार करने को कहा गया

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जल शक्ति मंत्रालय को इस पर गौर करने का निर्देश दिया है कि पानी के कमी वाले क्षेत्रों में स्वीमिंग पुलों के लिए किस हद तक भूजल निकालने दिया जा सकता है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चूंकि पेयजल पहली प्राथमिकता है इसलिए पर्यावरण के नुकसान पर भूजल के अंधाधुंध दोहन की अनुमति नहीं दी जा सकती ताकि जरूरतमंदों को पेयजल उपलब्ध हो।

एनजीटी ने कहा कि पानी के कमी वाले क्षेत्रों में भूजल के दोहन से नदियों के प्रवाह पर एवं भूजल स्रोतों के संभरण की संभावना पर भी असर पड़ता है।

उसने कहा कि इसलिए स्थायी विकास के वास्ते भूजल की मांग एवं आपूर्ति के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है।

पीठ ने कहा, ‘‘ जलशक्ति मंत्रालय उसके पास उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर इस बात पर विचार करे कि पानी के कमी वाले क्षेत्रों में स्वीमिंग पुल के लिए किस हद तक भूजल निकालने की अनुमति दी जा सकती है। आवेदक इस संबंध में जल शक्ति मंत्रालय में आगे कोई और प्रतिवेदन देने के लिए स्वतंत्र है।’’

अधिकरण नेहा सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उन्होंने वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए भूजल के अंधाधुध दोहन की शिकायत की है। याचिका के अनुसार अंधाधुंध भूजल दोहन स्थायी विकास नियमों के विरूद्ध जाकर पेयजल की कमी की कीमत पर किया जा रहा है।

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Web Title: Ministry of Waterpower was asked to consider ground water exploitation for swimming bridges

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