जामिया हिंसा: गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा-"प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने नहीं चलाई एक भी गोली"

By भाषा | Updated: December 17, 2019 11:05 IST2019-12-17T10:52:43+5:302019-12-17T11:05:44+5:30

दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने "किसी भी छात्र पर गोलियां चलाईं", और कहा है कि वे इस मामले की जांच करेंगे।

ministry of home affair say in jamia protest no police officer fired a single bullet | जामिया हिंसा: गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा-"प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने नहीं चलाई एक भी गोली"

जामिया प्रदर्शन: गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा-"प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने नहीं चलाई एक भी गोली"

Highlightsअस्पताल के सूत्रों ने पुष्टि की कि दो छात्रों को रविवार शाम को लाया गया था। एक को सीने में और दूसरे को पैर में चोट लगी थी।अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि चोटों की प्रकृति की पुष्टि के लिए जांच की आवश्यकता है।

जामिया प्रदर्शन के दौरान गोली चलने के मामले में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने एक भी गोली नहीं चलाई थी। वहीं, पुलिस सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि "प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों छात्र गोली लगने की वजह से ही घायल हुआ है।" उन्होंने आगे कहा, "इस बात की जांच की जानी चाहिए कि क्या पुलिस कर्मियों द्वारा गोलियां चलाई गईं या किसी और ने गोला चलाई है। पुलिस को  इस बात को पता लगाने के लिए बैलिस्टिक विशेषज्ञों से संपर्क कर सकती है।"

अधिकारियों और रिश्तेदारों ने दोनों छात्रों की पहचान 20 वर्षीय बीए के छात्र अजाज अहमद और 23 वर्षीय बीटेक छात्र मोहम्मद सुहैब के रूप में की।

दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने "किसी भी छात्र पर गोलियां चलाईं", और कहा है कि वे इस मामले की जांच करेंगे।

अस्पताल के सूत्रों ने पुष्टि की कि दो छात्रों को रविवार शाम को लाया गया था। एक को सीने में और दूसरे को पैर में चोट लगी थी। दोनों ने डॉक्टरों को बताया कि उन्हें गोली लगी थी। अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि चोटों की प्रकृति की पुष्टि के लिए और परीक्षणों की आवश्यकता है।

अहमद के रिश्तेदारों ने कहा कि वह अपनी माँ के लिए दवाइयाँ खरीद कर घर लौट रहा था जब उसने देखा कि इलाके में कारों की तोड़फोड़ की जा रही है। उसके परिवार के लोगों ने ऐसा दावा किया किया कि जब उसे सीने में गोली लगी तब वह दवाइयां लाने के लिए गया था।

दूसरे व्यक्ति, सुहैब के एक रिश्तेदार ने कहा कि उनके पैर में चोट लगी थी। लेकिन, डॉक्टरों द्वारा यह नहीं बताया गया कि क्या उन्हें गोली लगी है।

अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, दोनों छात्रों का ऑपरेशन किया गया है और दो और दिनों के लिए उन्हें अस्पताल में रहना पड़ सकता है। बता दें कि दोनों वार्डों के बाहर में पुलिस के जवान तैनात थे।

अहमद के मामले में, एक डॉक्टर जो नाम नहीं बताते हैं, उन्होंने कहा कि उसके सीने से कुछ पार्टिकल हटा दिया गया है। “वह अब बेहतर स्थिति में है। डॉक्टरों ने उसके शरीर से पार्टिकल को निकाल दिया है, लेकिन हमें नहीं पता कि यह क्या है। यह गोली  है या आंसू गैस वाले गोली टुकड़ा यह पुलिस जांच करके बता सकती है, ऐसा डॉक्टर ने कहा है।  

सुहैब होश में है। उनके पैर की अंगुली में फ्रैक्चर हुआ है, जो अभी बैंडेड है। इसके बारे में एक डॉक्टर ने कहा कि एक बार पट्टी हटाने के बाद हम चोटों की प्रकृति का आकलन करने में सक्षम होंगे।

  

English summary :
ministry of home affair say in jamia protest no police officer fired a single bullet


Web Title: ministry of home affair say in jamia protest no police officer fired a single bullet

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