गृह मंत्रालय ने प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों से कहा, गार्डों की छंटनी और उनके वेतन में कटौती न करें
By भाषा | Updated: March 25, 2020 15:34 IST2020-03-25T15:34:09+5:302020-03-25T15:34:09+5:30
गृह मंत्रालय ने कहा इस महामारी और बंद के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और दुकानें, मॉल और अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियां प्रभावित हो सकती हैं। गृ

प्रतीकात्मक फोटो
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस महामारी के चलते 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गार्डों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न करें। गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा उद्योग के केंद्रीय संघों, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और अन्य को लिखे पत्र में कहा कि भारत कोविड-19 के प्रकोप के चलते एक असाधारण हालात का सामना कर रहा है।
गृह मंत्रालय ने कहा इस महामारी और बंद के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और दुकानें, मॉल और अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियां प्रभावित हो सकती हैं। गृह मंत्रालय ने कहा है, "यह निजी सुरक्षा उद्योग के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का वक्त है" और उन्हें अपने कर्मचारियों को छंटनी से बचाना चाहिए।
इससे पहले पीएम मोदी ने जब पहली बार कोरोना को लेकर राष्ट्र को संबोधित किया था तब उन्होंने लोगों से अपील किया था कि अपने घर में काम करने वाले लोगों और अपने से जुड़े लोगों को काम पर न बुलाएं लेकिन उनके वेतन में कटौती न करें। जब तक कोरोना का प्रकोप है उन्हें बिना उनकी सेवा लिए हुए भी उनको सैलरी देते रहें। अपने से जुड़े लोगों की सैलरी न रोकें।
वहीं दिल्ली के कई इलाकों से ऐसी खबरें भी आयी जहां डॉक्टर किराए पर रह रहे हैं उनके माकान मालिक उनसे घर खाली करने के लिए कह रहे हैं। जिन कालोनियों में वो रहते हैं वहां के लोग उन्हें आने नहीं दे रहे हैं। फिलहाल दिल्ली सरकार ने ऐसे माकान मालिकों पर सख्त कार्यवाई करने के लिए कहा है।
भारत में कोरोना वायरस से संक्रिमित लोगों की संख्या बढ़कर 562 हो गई है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन (बंद) के मद्देनजर राज्य सरकारों से खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक सामान की कमी के बारे में फैल रही अफवाहों पर अंकुश लगाने की खातिर कदम उठाने के लिए कहा है।
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस के संकट के कारण किसानों , मजदूरों और गरीबों के सामने पैदा हुई मुश्किल को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी द्वारा पेश की गई ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ (न्याय) लागू करके लोगों के खातों में तत्काल 7,500 रुपये की राशि भेजनी चाहिए।