इंडिया टुडे हिंदी के पूर्व मैनेजिंग एडिटर ने #MeToo में घसीटा PM का नाम, पूछा- एमजे अकबर नपेंगे तो नरेंद्र मोदी कैसे बचेंगे?
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 13, 2018 09:41 AM2018-10-13T09:41:47+5:302018-10-13T10:29:53+5:30
दिलीप मंडल ने शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में इंडिया टुडे की साल 2013 में प्रकाशित एक कवर फोटो का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
इंडिया टुडे के हिन्दी के पूर्व मैनेजिंग एडिटर रहे दिलीप सी मंडल ने #MeToo मूवमेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम घसीट लिया है। दिलीप मंडल ने शनिवार (13 अक्टूबर) को "एमजे अकबर नपेंगे तो नरेंद्र मोदी कैसे बचेंगे?" शीर्षक से एक लेख लिखा है। इस फेसबुक पोस्ट में इंडिया टुडे की साल 2013 में प्रकाशित एक कवर फोटो का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा, "जो आदमी प्रधानमंत्री पद का दावेदार था, और ओपिनियन पोल बता रहे थे कि वह पीएम बनने जा रहा है, उसके बार में इस विवाद को छापना कि वह अपने मंत्री से एक लड़की का पीछा करवाता है, आसान काम नहीं रहा होगा।"
इंडिया टुडे के पूर्व मैनेजिंग एडिटर ने अपनी फेसबुक पोस्ट में पहले उस मंत्री की बेटी का नाम भी प्रकाशित कर दिया था। लेकिन बाद में फेसबुक कंमेंट में आलोचना देखने के बाद उन्होंने नाम हटा दिया।
नरेंद्र मोदी के द्वारा मंत्री की बेटी का पीछा कराने का आरोप
यह मामला साल 2013 का है। दिलीप मंडल ने इसके बारे में लिखा, 'दिसंबर 2013 में मैंने मैनेजिंग एडिटर रहते हुए इंडिया टुडे हिंदी का ये कवर बनाया था। एमजे उस समय तक इंडिया टुडे छोड़कर बीजेपी में जा चुके थे। अरुण पुरी मेरे प्रधान संपादक थे।'
उल्लेखनीय है कि एमजे अकबर इंडिया टुडे के संपादक रह चुके हैं। इंडिया टुडे के संपादक रहने के दौरान भी उन पर यौन उत्ड़ीपन करने के आरोप हैं।
लेकिन दिलीप मंडल ने एमजे अकबर के बहाने पीएम मोदी को घसीट लिया है। इसमें वह पीएम मोदी पर गुजरात सीएम रहने के दौरान अपने ही एक मंत्री की बेटी को लेकर गंभीर आरोप लगाया है। इस पूरी घटना को उन्होंने इंडिया टुडे के एक अंक प्रकाशित किया था।
लाखों घरों और लाइब्रेरी में पहुंच चुकी है पीएम मोदी की ये दास्तां?
दिलीप मंडल का दावा है कि उन्होंने यह कवर फोटो प्रकाशित कर के एक साहसी कदम उठाया था। इसकी वजह से तत्कालीन गुजरात सीएम और पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की यह दास्तान लाखों घरों और लाइब्रेरी में पहुंच गया। इसमें इस कवर फोटो ने बेहद अहम भूमिका निभाई। क्योंकि मैगजीन के अंग्रेजी संस्करण ने यह कवर फोटो प्रकाशित करने से मना कर दिया था।
दिलीप मंडल के अनुसार, "देश की सबसे बड़ी पत्रिका इंडिया टुडे की बिक्री उस समय अच्छी-खासी हुआ करती थी।"
बेहद जोखिम भरा था नरेंद्र मोदी-अमित शाह का यह रूप दिखानाः मंडल
दिलीप मंडल ने इस कवर फोटो और कहानी को प्रकाशित करने को लेकर अपनी चिंताएं भी जाहिर की हैं। वह लिखते हैं, "जो आदमी प्रधानमंत्री पद का दावेदार था, और ओपिनियन पोल बता रहे थे कि वह पीएम बनने जा रहा है, उसके बार में इस विवाद को छापना कि वह अपने मंत्री से एक लड़की का पीछा करवाता है, आसान काम नहीं रहा होगा। इस बात को कवर पर लाकर हर शहर-कस्बे तक पहुंचा देने का मतलब आप समझ सकते हैं।
यह एक जोखिम था, जो मैंने यह जानते हुए लिया कि इसकी कितनी भारी कीमत मुझे चुकानी पड़ सकती है। अरुण पुरी ने मुझे यह करने दिया, इसके लिए मैं उनका आभारी रहूंगा। यह कवर अरुण पुरी की मंजूरी से प्रेस में छपने गया।- इंडिया टुडे के पूर्व मैनेजिंग एडिटर दिलीप मंडल
हालांकि यह भी एक सत्य है कि फिलहाल पत्रकारिता जगत में सबसे बड़ा यौन उत्पीड़न का आरोप एमजे अकबर पर लगा है। उन पर अभी तक नौ महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का मामला उजागर किया है। जबकि वह इंडिया टुडे के संपादक रह चुके हैं। इससे पहले इंडिया टुडे के शीर्ष पदाधिकारियों कली पुरी, अरुण पुरी और सुप्रियो प्रसाद भी शोषण का आरोप झेल चुके हैं।
भारत में #MeToo मूवमेंट अब उफान पर है। शुक्रवार को अक्षय कुमार, आमिर खान सरीखे अभिनेताओं ने यौन उत्ड़ीपन के आरोपी निर्माता-निर्देशकों के साथ काम करने से मना कर दिया। दूसरी ओर पहली बार अमिताभ बच्चन का नाम मीटू में लिया गया। जबकि राजनीतिक गलियारों में अभी महज केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को लेकर ही सवाल पूछे जा रहे थे। लेकिन अब एक चौंकाने वाली खबर देश की प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर रह चुके दिलीप सी मंडल ने दी है।