मेघायल: खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने के लिए फिर जाएगी NDRF के गोताखोरों की टीम, बचने के आसार कम
By भाषा | Published: December 30, 2018 12:42 AM2018-12-30T00:42:32+5:302018-12-30T00:42:32+5:30
नौसेना एवं एनडीआरएफ के गोताखोरों की टीम मेघालय में कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को निकालने के लिए शनिवार को खदान के भीतर उतरी, जहां उन्होंने वहां एकत्र हुए पानी के स्तर का पता लगाया. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सहयाक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वी जायंतिया पर्वतीय जिले की इस तंग खदान में पानी का स्तर 77 से 80 फुट तक ऊंचा होने का अनुमान है.
सिंह ने कहा, ''नौसेना के गोताखोर और मैं खदान के भीतर गए और प्रांरभिक तैयारी की गई. मुझे उम्मीद है कि सभी बचाव एजेंसियां कल सवेरा होने के साथ ही अभियान शुरू कर देंगी'' जिला प्रशासन ने बताया कि मानव श्रम और मशीनों से जुड़े तकनीकी कारणों के चलते अभियान को बढ़ाया नहीं जा सका. गोताखोरी के विशेष उपकरणों से लैस नौसेना की 15 सदस्यों की टीम शनिवार को सुदूर गांव लुमथारी में आपदा स्थल पर पहुंचे.
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा अग्निशमन एवं आपात सेवाएं खदान से पानी निकालने के लिए रविवार को अपने 10 बेहद शक्तिशाली पंप देगी. उन्होंने बताया कि धनबाद के इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स से विशेषज्ञों की एक टीम भी शनिवार को यहां पहुंची. उनके साथ एक खदान दुर्घटना में कई लोगों की जान बचाने वाले पंजाब से विशेषज्ञ जसवंत सिंह गिल भी यहां पहुंचे हैं, जो अभियान में मदद करेंगे. प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 370 फुट गहरे खदान से पानी बाहर निकालने का काम अभी शुरू नहीं हो पाया है, क्योंकि पंप का संचालन देख रहे तकनीकी विशेषज्ञ इसकी तैयारी में जुटे हैं. एनडीआरएफ के कर्मी हादसे के एक दिन बाद 14 दिसंबर से खदान में बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं.
पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित इस खदान में 13 दिसंबर को पानी भर गया था जब पास की लितेन नदी का पानी इसमें घुस गया था, जिससे 15 खनिक अंदर ही फंसे रह गए. इस हादसे में जीवित बचे एक व्यक्ति ने शनिवार को कहा कि फंसे हुए मजदूरों के जिंदा बाहर निकलने की कोई संभावना नहीं है. फंसे हुए सात मजदूरों का परिवार पहले ही उनके जिंदा बाहर निकलने की उम्मीद छोड़ चुका है और अंतिम संस्कार के लिए सरकार से उनके शव को बाहर निकालने का आग्रह किया है.