बैंकों का मेगा-विलय आज, छह बैंकों का अस्तित्व हो जायेगा खत्म

By भाषा | Updated: April 1, 2020 05:43 IST2020-04-01T05:43:34+5:302020-04-01T05:43:34+5:30

यूनियन बैंक आफ इंडिया के प्रबंध निदेशक राजकिरण राय ने कहा, ‘‘हमें इसमें कोई समस्या नहीं लगती है यह योजना के मुताबिक चल रहा है। हमने मौजूदा स्थिति के परिपेक्ष में भी इसकी समीक्षा की है। विलय का क्रियान्वयन करते हुये हमने कुछ सुधार किये हैं ताकि इससे कर्मचारियों और ग्राहकों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई गड़बड़ी नहीं हो।’’

Mega-merger of banks will be implemented from today, Six banks will cease to exist | बैंकों का मेगा-विलय आज, छह बैंकों का अस्तित्व हो जायेगा खत्म

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsदेश में विश्व स्तर के बड़े बैंक बनाने की दिशा में सरकार की तरफ से की गई पहले के तहत एक अप्रैल से सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों का अलग अलग चार बैंकों में विलय हो जायेगा। यह विलय ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया खतरनाक कोरोना वायरस महामारी के जाल में फंसी हुई है।

देश में विश्व स्तर के बड़े बैंक बनाने की दिशा में सरकार की तरफ से की गई पहले के तहत एक अप्रैल से सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों का अलग अलग चार बैंकों में विलय हो जायेगा। यह विलय ऐसे समय में हो रहा है जब पूरी दुनिया खतरनाक कोरोना वायरस महामारी के जाल में फंसी हुई है। महामारी की रोकथाम के लिए 21 दिन का की पाबंदियां लगायी गयी हैं। जो 14 अप्रैल को समाप्त होंगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे नाजुक समय में बैंकों का विलय बहुत सहज नहीं हो सकता है हालांकि जिन बैंकों में विलय किया जा रहा है उनके प्रमुखों ने बैंकों के भविष्य को लेकर विश्वास व्यक्त किया है।

यूनियन बैंक आफ इंडिया के प्रबंध निदेशक राजकिरण राय जी ने पीटीआई - भाषा से कहा, ‘‘हमें इसमें कोई समस्या नहीं लगती है यह योजना के मुताबिक चल रहा है। हमने मौजूदा स्थिति के परिपेक्ष में भी इसकी समीक्षा की है। विलय का क्रियान्वयन करते हुये हमने कुछ सुधार किये हैं ताकि इससे कर्मचारियों और ग्राहकों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई गड़बड़ी नहीं हो।’’

देश में लॉकडाउन के चलते पंजाब नेशनल बैंक, केनारा बैंक, यूनियन बैंक और इंडियन बैंक ने विलय के कुछ हिस्सों पर अमल को आगे के लिये टाल दिया है। इन चारों बैंकों में ही अन्य बैंकों का विलय किया गया है। अगले तीन वर्ष के दौरान बैंकों के इस विलय से बैंकों को 2,500 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद की जा रही है।

बैंकों के विलय की इस योजना के तहत ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में विलय किया जायेगा। वहीं सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्र बैंक और कार्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक आफ इंडिया तथा इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया किया गया है।

इस विलय के पूरा होने के बाद सरकारी क्षेत्र में सात बड़े और पांच छोटे बैंक रह जायेंगे। वर्ष 2017 तक देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक थे। एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 रह जायेगी।

पिछले वित्त वर्ष में देना बैंक और विजय बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में विलय किया गया । इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक में उसके सभी सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया। स्टेट बैंक आफ पटियाला, स्टेट बैंक आफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक आफ मैसूर, स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक आफ हैदराबाद का देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में विलय एक अप्रैल 2017 से प्रभाव में आ चुका है।

Web Title: Mega-merger of banks will be implemented from today, Six banks will cease to exist

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