रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारतीयों का स्विस बैंक में जमा धन, मायावती ने कहा- लोग समझ नहीं पा रहे कि वो कैसे खुश हों
By मनाली रस्तोगी | Published: June 17, 2022 01:54 PM2022-06-17T13:54:24+5:302022-06-17T13:55:47+5:30
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों कंपनियों और लोगों का धन 2021 के दौरान 50 प्रतिशत बढ़कर 14 साल के उच्चस्तर 3.83 अरब स्विस फ्रैंक (30,500 करोड़ रुपये से अधिक) पर पहुंच गया है। इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्विस बैंक में जमा भारतीयों के धन को लेकर ट्वीट किया।
लखनऊ: बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में हुई बढ़ोतरी को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "भारतीय पूंजीपतियों व धन्नासेठों की स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा धन 14 वर्ष के रिकॉर्ड रिकार्ड स्तर पर 3.83 बिलियन फ्रैंक पहुंचने की खबर चर्चाओं में है, जिसपर गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी आदि के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहे देश के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि वे कैसे खुश हों?"
भारतीय पूंजीपतियों व धन्नासेठों की स्विटजरलैण्ड के बैंकों में जमा धन 14 वर्ष के रिकार्ड स्तर पर 3.83 बिलियन फ्रैंक पहुँचने की खबर चर्चाओं में है, जिस पर गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी आदि के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहे देश के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि वे कैसे खुश हों?
— Mayawati (@Mayawati) June 17, 2022
बता दें कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों कंपनियों और लोगों का धन 2021 के दौरान 50 प्रतिशत बढ़कर 14 साल के उच्चस्तर 3.83 अरब स्विस फ्रैंक (30,500 करोड़ रुपये से अधिक) पर पहुंच गया है। इसमें भारत में स्विट्जरलैंड के बैंकों की शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों में जमा धन भी शामिल है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक (एसएनबी) की तरफ से गुरुवार को जारी वार्षिक आंकड़ों के अनुसार, प्रतिभूतियों समेत इससे जुड़े साधनों के जरिए हिस्सेदारी तथा ग्राहकों की जमा बढ़ने से स्विस बैंकों में भारतीयों का धन बढ़ा है।
इससे पहले वर्ष 2020 के अंत तक स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय का धन 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (20,700 करोड़ रुपये) था। इसके अलावा भारतीय ग्राहकों के बचत या जमा खातों में जमा राशि दो साल की गिरावट की बाद 2021 में लगभग 4,800 करोड़ रुपये के सात साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई। आंकड़ों के अनुसार, स्विट्जरलैंड के बैंकों पर 2021 के अंत तक भारतीय ग्राहकों की कुल देनदारी 383.19 करोड़ स्विस फ्रैंक है। इसमें से 60.20 करोड़ स्विस फ्रैंक ग्राहकों की जमा राशि के रूप में हैं, जबकि 122.5 करोड़ स्विस फ्रैंक अन्य बैंकों के जरिये रखे गए हैं और 30 लाख स्विस फ्रैंक न्यासों आदि के जरिये है।
ये आंकड़े स्विट्जरलैंड की बैंकों की तरफ से एसएनबी को दिए गए है। ये स्विस बैंकों में कथित रूप से भारतीयों के काले धन को नहीं दर्शाते हैं। इन आंकड़ों में वह धन भी शामिल नहीं है जो भारतीयों, प्रवासी भारतीयों या अन्य लोगों के पास स्विस बैंकों में किसी तीसरे देश की इकाइयों के नाम पर हो सकता है। स्विस सरकार हालांकि स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा भारतीयों के धन को 'काला धन' नहीं मानती है। स्विट्जरलैंड का कहना है कि उसने कर चोरी के खिलाफ लड़ाई में हमेशा सक्रिय रूप से भारत का समर्थन किया है। आंकड़ों के अनुसार, विदेशी ग्राहकों की बात की जाए, तो स्विस बैंकों में ब्रिटेन का 379 अरब स्विस फ्रैंक जमा है, जो सबसे अधिक है। इसके बाद अमेरिका के ग्राहकों का स्विस बैंकों में 168 अरब स्विस फ्रैंक है।
100 अरब से अधिक जमा वाले ग्राहकों की सूची में केवल अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। वहीं, स्विस बैंकों में पैसा रखने वाले दस शीर्ष देशों की सूची में वेस्ट इंडीज, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, हांगकांग, बाहमास, नीदरलैंड, केमन आइलैंड और साइप्रस शामिल है। इस सूची में भारत का स्थान पोलैंड, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, बांग्लादेश और पकिस्तान जैसे देशों से पहले यानी 44वें नंबर पर है। पाकिस्तान के नागरिकों की जमा राशि भी स्विस बैंकों में बढ़कर 71.2 करोड़ स्विस फ्रैंक और बांग्लादेश के ग्राहकों की जमा राशि बढ़कर 87.2 करोड़ स्विस फ्रैंक हो गई। भारत के साथ बंगलादेश और पकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में भी स्विस बैंकों में कथित काला धन हमेशा से चर्चाओं में रहा है।