आतंकियों को छोड़ने की गलत परंपरा बीजेपी सरकार की है बसपा की नही: मायावती
By भाषा | Published: April 5, 2019 11:47 PM2019-04-05T23:47:25+5:302019-04-05T23:47:25+5:30
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों पर तीखा हमला किया और उन पर अमीरों को फायदा पहुंचाते हुए दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुये कहा कि आतंकियो को छोड़ने की गलत परंपरा भाजपा सरकारो की है बसपा की नही । मायावती ने आज शाम ट्वीट कर कहा, ''भाजपा व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी संभावित हार से इतने ज्यादा भयभीत हैं कि उन्हें खुद नहीं पता कि वे किस पर क्या और कैसा मिथ्या आरोप लगा रहे हैं ।’’ उन्होंने दोहराया, ‘‘आतंकियों को छोड़ने की गलत परम्परा भाजपा सरकारों की है न कि बसपा की । आतंकी मसूद को भी भाजपा ने ही छोड़ा था जो अब सबसे बड़ा सरदर्द बन चुका है ।''
बीजेपी व स्वयं पीएम श्री मोदी अपनी संभावित हार से इतने ज्यादा भयभीत हैं कि उन्हें खुद नहीं पता कि वे किस पर क्या व कैसा मिथ्या आरोप लगा रहे हैं। आतंकियों को छोड़ने की गलत परम्परा बीजेपी सरकारों की है बीएसपी की नहीं। आतंकी मसूद को भी बीजेपी ने ही छोड़ा था जो अब सबसे बड़ा सरदर्द है
— Mayawati (@Mayawati) April 5, 2019
मायावती ने भाजपा और कांग्रेस की आलोचना की, उन्हें भ्रष्ट बताया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों पर तीखा हमला किया और उन पर अमीरों को फायदा पहुंचाते हुए दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। ओडिशा में एक रैली से अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करते हुए बसपा सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजग सरकार पर जल्दबाजी में जीएसटी पेश करने और उसे उचित तरीके से लागू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया, जिससे देश के युवाओं में बेरोजगारी बढ़ी।
उन्होंने नोटबंदी पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जल्दबाजी में उठाए गए कदम से छोटे कारोबारियों और व्यापारियों का शोषण हुआ। मायावती ने कहा, ‘‘कांग्रेस और भाजपा दोनों भ्रष्ट हैं। कांग्रेस बोफोर्स घोटाले में अपनी संलिप्तता के लिए खबरों में थी तो भाजपा सरकार राफेल सौदे में फंसी हुई है।’’ दोनों पार्टियों पर बरसते हुए बसपा सुप्रीमो ने उन पर दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक वर्गों के विकास के लिए कभी काम ना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘दलितों की ओर उनकी भेदभावपूर्ण मानसिकता अब भी नहीं बदली है।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान बेरोजगारी काफी बढ़ गयी। हालांकि, ओडिशा में बसपा की मौजूदा काफी सीमित है लेकिन पार्टी हाल के समय में राज्य में लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव लड़ रही है। साल 2014 में बसपा ने राज्य में 147 विधानसभा सीटों में से 113 पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे केवल 0.86 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार पार्टी के कई प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। ओडिशा में विधानसभा चुनाव चार चरणों 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के साथ होने हैं।