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मास्टर प्लान 2041: पुरानी दिल्ली की विरासत के संरक्षण के लिए प्रकोष्ठ स्थापित करने का सुझाव

By भाषा | Updated: December 5, 2021 19:29 IST

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(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर दिल्ली के मास्टर प्लान (एमपीडी) 2041 पर काम कर रहे अधिकारियों को विरासत के संरक्षण पर जनता से विभिन्न सुझाव मिले हैं, जिसमें पुरानी दिल्ली की स्थापत्य विरासत के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ की स्थापना करना भी शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

जिन लोगों ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) या शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) में ‘‘विरासत प्रकोष्ठ’’ बनाने का सुझाव दिया है, उन्होंने कहा था कि इसकी आवश्यकता इसलिए है क्योंकि पुरानी दिल्ली की विरासत संरचनाओं के संरक्षण के लिए ‘‘वित्तीय सहायता का अपर्याप्त प्रावधान’’ था।

शाहजहानाबाद या पुरानी दिल्ली को मुगलों द्वारा 17वीं शताब्दी में अपनी शाही राजधानी के रूप में बनाया गया था और इसमें पुरानी इमारतें, घर, दुकान, सदियों पुरानी हवेलियां और जामा-मस्जिद सहित अनेक धार्मिक स्थल और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत समाहित हैं।

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा तैयार मसौदा एमपीडी- 2041 जून की शुरुआत में डीडीए की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया था और जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गईं। इसे भेजने की अंतिम तिथि 23 अगस्त थी।

डीडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक जांच बोर्ड 18 अक्टूबर से ही मसौदे पर जनता की आपत्तियों और सुझावों पर सुनवाई और विचार कर रहा है। डीडीए अब तक 14 दौर की सुनवाई कर चुका है।

रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था के साथ ''24 घंटे का शहर'' बनाने से लेकर व्यापक परिवहन बुनियादी ढांचा, सभी के लिए किफायती आवास और स्वस्थ वातावरण से लेकर अनधिकृत कॉलोनियों और प्रदूषण की जाँच तक- मार्गदर्शक सिद्धांतों को डीडीए ने एमपीडी 2041 के लिए निर्धारित किया है।

विज़न दस्तावेज़ में पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, गतिशीलता, विरासत, संस्कृति और सार्वजनिक स्थानों सहित अन्य नीतियों को शामिल किया गया है।

बोर्ड ऑफ इंक्वायरी एंड हियरिंग की 10वीं और 11वीं बैठक के दौरान विरासत क्षेत्र और पुरानी दिल्ली, भौतिक बुनियादी ढांचे का उन्नयन, मंजूर गतिविधियों की अनुमति, भवन की ऊंचाई में वृद्धि, विरासत संरचनाओं के संरक्षण, पार्किंग मानदंडों में छूट, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से संबंधित मुद्दे पर चर्चा की गई।

यद्यपि पुरानी दिल्ली एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में है, एसआरडीसी विशेष प्रयोजन वाली बहु-एजेंसी है, जिसे पुरानी दिल्ली की विरासत को पुन: जीवंत और पुनर्विकसित करने के लिए बनाया गया है।

डीडीए ने अक्टूबर के मध्य में कहा था कि उसे 75 दिनों की निर्धारित समयावधि में 33,000 आपत्तियां, सुझाव प्राप्त हुए थे।

डीडीए ने पहले कहा था कि आपत्ति या सुझाव देने वाले सभी संगठनों, हितधारकों और व्यक्तियों को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका दिया जाएगा।

दिल्ली का मास्टर प्लान-2041 तैयार करने की प्रक्रिया 2017 में शुरू की गई थी और यह कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के बावजूद पटरी पर रही।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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