पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को दी नसीहत, कहा- आचरण में बरतें संयम
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 27, 2018 08:25 AM2018-11-27T08:25:23+5:302018-11-27T08:25:43+5:30
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को को सार्वजनिक रूप से सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि मोदी को अपने आचरण में संयम रखने की सख्त जरुरत है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को को सार्वजनिक रूप से सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि मोदी को अपने आचरण में संयम रखने की सख्त जरुरत है। मनमोहन ने कहा है कि सबसे पहले उनको संयम रखते हुए पीएम पद की गरिमा को बनाए रखना चाहिए।
पीएम को ऐसे समय में सलाह देना जब सार्वजनिक बहस का स्तर गिरता जा रहा है खासकर चुनाव के दौरान, इस बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर जब भी बीजेपी शासित राज्यों का दौरा किया करते थे, उनके मुख्यमंत्रियों के साथ संबंध बहुत अच्छे होते थे।
The prime minister of a country must set an example. He is the prime minister for all the citizens of our country and his conduct must be worthy and consistent with that obligation that he/she has as prime minister: Former PM Manmohan Singh (26.11) #Delhipic.twitter.com/Q32ut8k4Lz
— ANI (@ANI) November 26, 2018
उन्होंने ये बात कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स के विमोचन के समय कही है। मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह 2014 से पहले पीएम थे तो उनके बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संबंध बहुत अच्छे होते थे। कभी भी किसी में कोई भेदभाव नहीं हुआ।प्रधानमंत्री को मेरी सलाह है कि उन्हें पीएम कार्यालय के उसूल सिद्धांतों के मुताबिक संयम का प्रयोग करना चाहिए।
My advice to PM is that he should exercise due restraint becoming of the office of PM.When he goes to states which are ruled by parties other than his,I think,has an obligation not to use the type of language which has now become a common practice:Former PM Manmohan Singh (26.11) pic.twitter.com/Dn0hrCDWza
— ANI (@ANI) November 26, 2018
वहीं, इससे पहले मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि नोटबंदी का प्रभाव भारत के हर एक व्यक्ति पर पड़ा, चाहे वो किसी बुढ़ा, जवान या किसी उम्र का हो, किसी धर्म, किसी जाति, किसी व्यवसाय या संप्रदाय के हो। यह सच है कि समय के साथ तो सबके घाव भर जाते हैं। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोटबंदी के मामले में समय के साथ-साथ लोगों के घाव और बढ़ता जा रहे हैं।
इधर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कहा, नोटबंदी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम था। सरकार ने पहले भारत से बाहर कालेधन पर शिकंजा कसा। अरुण जेटली ने नोटबंदी का बचाव करते हुए कहा, कैश को बैंकों के जरिए अर्थव्यवस्था में लाना था मकसद, न कि उसे जब्त करना था।