मणिपुर भाजपाः बीरेन सिंह होंगे मुख्यमंत्री, केंद्रीय पर्यवेक्षक सीतारमण ने घोषणा की, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 20, 2022 05:09 PM2022-03-20T17:09:32+5:302022-03-20T17:16:30+5:30
भाजपा ने उग्रवाद प्रभावित मणिपुर राज्य के 60 सदस्यीय सदन में 32 सीटों पर जीत दर्ज की है। नेशनल पीपुल्स पार्टी, मौजूदा सरकार में एक साझेदार, जिसने हाल में राज्य में संपन्न चुनाव में सात सीटें जीती हैं, नई सरकार का हिस्सा नहीं होगी।
इंफालः भाजपा की केंद्रीय पर्यवेक्षक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि एन बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। सीतारमण ने कहा कि भाजपा राज्य विधायक दल ने बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है।
पत्रकार से नेता बने मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह राजनीति में कदम रखने के ठीक 20 साल बाद मणिपुर में भाजपा की अगुवाई में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। वह फुटबॉल खिलाड़ी भी रहे हैं। पिछले पांच साल के कार्यकाल में उग्रवाद प्रभावित मणिपुर में शांति लाने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र एवं घाटी के लोगों के बीच की दरार को कम करने का श्रेय 61 वर्षीय मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को जाता है।
#WATCH | BJP central observers Nirmala Sitharaman, Kiren Rijiju and other BJP MLAs felicitate the unanimously elected Chief Minister of Manipur N Biren Singh in Imphal. pic.twitter.com/2vfgco20SZ
— ANI (@ANI) March 20, 2022
हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक चुने गए
सिंह द्वारा की गईं कई पहल जैसे ''गो टू हिल्स'', ''हिल लीडर्स डे'' और ''मियाम्गी नुमित'' के जरिए दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने जनप्रतिनिधियों और नौकरशाहों तक अपनी दिक्कतें बताना आसान हो पाया। अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 2002 में डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी से करने वाले सिंह राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे।
हालांकि, पहला चुनाव जीतने के बाद सिंह वर्ष 2003 में कांग्रेस में शामिल हो गए और तत्कालीन मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री रहे। वह लगातार इबोबी सिंह के विश्वासपात्र बने रहे और वर्ष 2007 में अपनी सीट से दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्हें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, युवा मामले एवं खेल और उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया।
It is a good decision taken unanimously by everyone. It will ensure that Manipur has a stable & responsible govt which will build further because the Centre today under the leadership of PM Modi gives special attention to Northeastern states: Union Finance Min Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/zIUubaf6tS
— ANI (@ANI) March 20, 2022
तीसरी बार अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखा
सिंह ने वर्ष 2012 के चुनाव में भी लगातार तीसरी बार अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखा। हालांकि, इबोबी सिंह से मतभेदों के बाद उन्होंने इबोबी के खिलाफ बगावत कर दी। इसके बाद वर्ष 2016 में बीरेन सिंह ने भाजपा में शामिल होने के लिए मणिपुर विधानसभा की सदस्यता के साथ ही कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीट पर जीत दर्ज की थी
भाजपा ने सिंह को प्रदेश पार्टी प्रवक्ता और चुनाव प्रबंधन समिति का सह-समन्वयक बनाया। वह भाजपा के टिकट पर वर्ष 2017 में चौथी बार हेनगांग सीट से चुनाव जीते, जिसके बाद उनका मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। पिछले मणिपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केवल 21 सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में किया और 15 मार्च 2017 को एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य में पहली बार भाजपा ने सरकार बनाई। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीट पर जीत दर्ज की थी।
मणिपुर के 60 नवनिर्वाचित विधायकों में से 59 ने सोमवार को राज्य विधानसभा भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। विधानसभा के प्रोटेम अध्यक्ष सोरोखैबम राजेन सिंह ने विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राजेन सिंह इंफाल पश्चिम जिले के लमसांग निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं।
राज्यपाल एल गणेशन ने रविवार को राजभवन में सिंह को पद की शपथ दिलाई। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भारतीय जनता पार्टी के 32 विधायक, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के सात, जद (यू) के छह, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और कांग्रेस के पांच-पांच विधायक जबकि दो कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के और तीन निर्दलीय विधायक चुन कर आए हैं।