मंगल पांडे को आज ही के दिन दी गई थी फांसी, जानिए 8 अप्रैल का इतिहास
By भाषा | Published: April 8, 2019 10:38 AM2019-04-08T10:38:34+5:302019-04-08T10:38:34+5:30
देश में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे आजादी के परवानों ने आठ अप्रैल 1929 को दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था।

मंगल पांडे को 8 अप्रैल को दी गई थी फांसी (फोटो- ट्विटर)
देश की आने वाली पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले सकें और उनका भविष्य सुरक्षित हो, इसके लिए देश के कई नौजवानों ने अपने वर्तमान की कुर्बानी दे दी। आठ अप्रैल का दिन इन्हीं को समर्पित है। 1857 में देश में आजादी की पहली चिंगारी सुलगाने वाले मंगल पांडे को आठ अप्रैल के दिन फांसी दे दी गई थी। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी सोमवार को मंगल पांडे की शहादत को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
Remembering the great #MangalPandey on day of his martyrdom. He triggered the 1857 mutiny and became a fearless symbol of rebellion against the British regime.#JaiHind 🇮🇳 #MondayMotivationpic.twitter.com/kGzPmxOFkv
— Navniet Sekera (@navsekera) April 8, 2019
My today's #MondayMotivation is dedicated to our Indian great freedom fighter #MangalPandey on his death anniversary. Mangal pandey played great role on 1857's revolution. He rebelled by shooting a #British sergeant-major & a lieutenan.
— Vishnu Singh (@Vishnu_Digital) April 8, 2019
Jai hind and vande matram. pic.twitter.com/bh2nUPzcPB
#MangalPandey
— ASHWANI PANDEY (@ASHWANI78288643) April 8, 2019
Tribute to first Freedom Fighter in the 19th century.
He was a sepoy in the 34th Bengal Native Infantry regiment of the British East India Company.
He died only in 29 years, 19 July 1827- 8 April 1857.#MondeyMotivationpic.twitter.com/lEmWUDCgSx
वहीं, देश में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे आजादी के परवानों ने आठ अप्रैल 1929 को दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था।
इस बम धमाके का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की तरफ दुनिया का ध्यान आकृष्ट करना था। देश दुनिया के इतिहास में आठ अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार हैं:-
1857: ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़काने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडेय को फांसी दे दी गई।
1894: भारत के राष्ट्रीय गीत बंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का कलकत्ता में निधन।
1929: क्रांतिकारी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली असेंबली हॉल में बम फेंका और गिरफ्तारी दी।
1950: भारत और पाकिस्तान के बीच लियाकत-नेहरू समझौता। यह समझौता दोनों देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और भविष्य में दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावनाओं को ख़त्म करने के मकसद से किया गया था।
1973: स्पेन के चित्रकार पाब्लो पिकासो का निधन। इन्हें 20वीं शताब्दी का संभवत: सबसे प्रभावी चित्रकार माना जाता है।
2013: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेरेट थैचर का लंदन में निधन। वह ग्रेट ब्रिटेन ही नहीं किसी भी यूरोपीय देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और 20वीं शताब्दी में ब्रिटेन की एकमात्र प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने तीन बार लगातार यह पद संभाला।
वहीं, जापान में सदियों से इस दिन को बौद्ध धर्म को मानने वाले बुद्ध के जन्मदिन के तौर पर मनाते हैं। भाषा एकता गोला गोला