मालेगांव विस्फोट मामला : लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ बयान देने वाला गवाह मुकरा
By भाषा | Published: August 28, 2021 10:47 PM2021-08-28T22:47:38+5:302021-08-28T22:47:38+5:30
महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 के विस्फोट मामले में एक अहम गवाह के महाराष्ट्र एटीएस के समक्ष दिए गए अपने बयान से मुकर जाने के बाद यहां विशेष एनआईए अदालत ने उसे पक्षद्रोही करार दिया है। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) जब इस मामले की जांच कर रहा था तब गवाह ने उसे बताया था कि 2008 में उसने एक “साहसिक कार्य शिविर” (एडवेंचर कैंप) में हिस्सा लिया था जहां भारत में आतंकवाद के प्रसार तथा माद्रक द्रव्यों और जाली मुद्रा के जरिये देश को कमजोर करने में पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा हुई थी। उस समय अपने बयान में गवाह ने कहा था कि मामले के सात आरोपियों में से एक लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने इस आयोजन में एक व्याख्यान दिया था। गवाह ने कहा कि यद्यपि इसे “साहसिक कार्य शिविर” कहा गया था लेकिन वहां ऐसा कुछ सिखाया नहीं गया था। शनिवार को हालांकि अदालत के समक्ष अपनी गवाही दर्ज कराते हुए गवाह ने ऐसा कोई बयान दिए जाने से इनकार किया जिसके बाद विशेष न्यायाधीश पी आर शित्रे ने उसे पक्षद्रोही घोषित किया। विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसाल ने कहा कि अब तक 188 गवाहों का परीक्षण किया जा चुका है और वह बयान से मुकरने वाला दूसरा गवाह था। पुरोहित के अलावा इस मामले के अन्य आरोपी भोपाल से भाजपा की लोक सभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी है। यह सभी जमानत पर हैं। वे गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) और भादंवि के प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं। मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव कस्बे में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट मोटरसाइकिल में रखे एक बम में विस्फोट हुआ था जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए थे।
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