जब 1919 में गांधी जी को मथुरा रेलवे स्टेशन के पुलिस बैरक में गुजारनी पड़ी थी एक रात

By भाषा | Published: October 2, 2018 06:55 PM2018-10-02T18:55:16+5:302018-10-02T18:55:16+5:30

Mahatma Gandhi Jayanti: दीनानाथ गोपाल तेंदुलकर द्वारा महात्मा गांधी पर लिखी पुस्तक ‘महात्मा: लाइफ ऑफ मोहन दास करमचंद गांधी’ में इस वाकये का जिक्र है। इस किताब की भूमिका पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखी थी।

mahatma gandhi birth anniversary when Gandhi spent one night in railway station police barrack | जब 1919 में गांधी जी को मथुरा रेलवे स्टेशन के पुलिस बैरक में गुजारनी पड़ी थी एक रात

महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। (फाइल फोटो)

मथुरा, 2 अक्तूबर: महात्मा गांधी को असहयोग आंदोलन के दौरान अप्रैल 1919 में दिल्ली-पंजाब की ओर जाते समय पलवल स्टेशन पर गिरफ्तार कर वापस मुंबई (उस समय बाम्बे) भेजने से पूर्व एक रात मथुरा की पुलिस बैरक में रखा गया था। 

राजकीय संग्रहालय के निदेशक डॉ. एसपी सिंह ने मंगलवार को यहां महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित गांधी चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।

सिंह ने प्रसिद्ध लेखक एवं वृत्तचित्र निर्माता दीनानाथ गोपाल तेंदुलकर द्वारा महात्मा गांधी पर लिखी पुस्तक ‘महात्मा: लाइफ ऑफ मोहन दास करमचंद गांधी’ के हवाले से बताया कि 1919 में ब्रिटिश सरकार ने रॉलेट एक्ट पारित कर दिया। इसके तहत भारत में किसी भी व्यक्ति को अदालत में मुकदमा चलाए बिना जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया था। इस कानून के विरोध में देश में प्रदर्शन शुरू हो गए। 

गांधी जी ने भी सत्याग्रह का आह्वान कर व्यापक स्तर पर अहसयोग आंदोलन प्रारंभ कर दिया। आम जनता विरोध करने सड़कों पर उतरी तो पुलिस ने कई स्थानों पर आंदोलनकारियों पर गोली चला दी।

पुलिस से झड़प की खबरें आईं तो महात्मा गांधी ने दिल्ली व पंजाब जाकर लोगों को समझाने का निर्णय लिया।

रात भर स्टेशन की पुलिस बैरक में रहे महात्मा गांधी

एसपी सिंह ने बताया कि, ‘पुस्तक की पृष्ठ संख्या 374 पर वर्णित विवरण के अनुसार महात्मा गांधी 8 अप्रैल को मुंबई से दिल्ली व पंजाब के लिए रवाना हुए थे। 9 अप्रैल को जब उनकी ट्रेन मथुरा होते हुए दिल्ली की ओर बढ़ ही रही थी, तभी इसे पलवल स्टेशन से पूर्व ही रोककर आदेश थमाया गया कि वे दिल्ली और पंजाब नहीं जा सकते।’ 

गांधीजी ने आदेश का विरोध किया तो उन्हें पुलिस हिरासत में लेकर रेलगाड़ी से नीचे उतार लिया गया और रात भर स्टेशन पर ही पुलिस बैरक में रखा गया। उन्हें तड़के चार बजे सोते से उठाया गया और सवाई माधोपुर सिटी होते हुए बंबई जा रही एक मालगाड़ी में बैठा दिया गया। वहां से उन्हें एक सवारी गाड़ी के प्रथम श्रेणी डिब्बे में बैठाकर ले जाया गया। वे 11 अप्रैल को मुंबई (बाम्बे) पहुंचे थे।

सिंह के अनुसार भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 1960 में प्रकाशित 394 पृष्ठों की इस पुस्तक की प्रस्तावना तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लिखी थी। इस पुस्तक के कुल आठ भाग हैं जिनमें से पहले भाग (1869 से 1920) में ही इस घटना का उल्लेख किया गया है।
 

English summary :
Mahatma Gandhi spent one night in a police barrack on mathura railway station in 1919.


Web Title: mahatma gandhi birth anniversary when Gandhi spent one night in railway station police barrack

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे