मुंबईः महाराष्ट्र में कांग्रेस की नेता और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) प्रज्ञा सातव ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के उच्च सदन से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। सातव ने भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के हिंगोली जिले की निवासी प्रज्ञा सातव दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव सातव की पत्नी हैं, जिन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का बेहद करीबी और भरोसेमंद माना जाता था।
वह पहली बार 2021 में महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य चुनी गई थीं। स्थानीय निकाय चुनावों के बीच उनके इस्तीफे को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पति राजीव सातव के निधन के बाद उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस की उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। प्रज्ञा को जुलाई 2024 में दूसरी बार विधान परिषद के लिए नामित किया गया था और उनका कार्यकाल 2030 तक था।
सूत्रों ने कहा कि दिन में विधान परिषद के सभापति राम शिंदे से बातचीत के बाद सातव ने विधान परिषद सदस्य के पद से अपना इस्तीफा विधानमंडल सचिवालय को सौंप दिया। उनके साथ सोलापुर के पूर्व विधायक दिलीप माने ने भी भाजपा का दामन थामा है। राज्य में 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे और इसके अगले दिन मतगणना होगी।
अजित पवार की राकंपा से राकांपा (एसपी) के गठबंधन को भाजपा से हाथ मिलाना माना जाएगा: राउत
शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुणे नगर निगम चुनाव के लिए अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से ‘शरदचंद्र पवार’ गुट के गठबंधन को भाजपा से हाथ मिलाने के समान माना जाएगा। राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह राकांपा (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात कर पुणे नगर निगम चुनाव के लिए दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच किसी भी समझौते समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
राउत ने एक सवाल के जवाब में कहा, "अजित पवार के साथ गठबंधन करना भाजपा से हाथ मिलाने के समान होगा। अजित पवार भाजपा के एजेंट हैं, और उनके साथ किसी भी समझौते का मतलब भाजपा को मजबूत करना होगा।" राज्य के 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना अगले दिन की जाएगी।