मुंबई।कोरोना वायरस से जहां पूरी दुनिया में कोहराम मचा है वहीं, महाराष्ट्र के उद्योगपति और डीएचएफल ग्रुप के प्रमोटर कपिल वाधवन को हिल स्टेशन के सैर की धुन सवार थी। लाखों लोगों की मुश्किलों से परे उन्हें और उनके परिवार को लॉकडाउन के दौरान ही हिल स्टेशन पर समय बिताते पाया गया। घूमने के लिए कपिल वाधवन ने झूठी मेडिकल इमरजेंसी का बहाना बनाया और उनके सहयोग में प्रमुख सचिव अमिताभ गुप्ता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। गुप्ता ने कपिल वाधवन और उनके परिवार के 22 सदस्यों को महाबलेश्वर जाने की इजाजत दे दी। मामला प्रकाश में आने के बाद भाजपा ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखे हमले किए। इसके तुरंत बाद महाराष्ट्र सरकार ने लापरवाही भरे फैसले के लिए प्रमुख सचिव को जांच होने तक लंबी छुट्टी पर भेज दिया, साथ ही कपिल वाधवन और उनके परिवार के 22 सदस्यों पर लॉकडाउन तोड़ने के आरोपों में मुकदमा भी दर्ज किया गया। कपिल वाधन और उनके परिवार के 22 सदस्यों पर महाबलेश्वर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।
डीएचएफएल कंपनी के प्रमोटर कपिल और दीपक वधावन समेत ये सभी लोग राज्य के गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव (विशेष) की सिफारिश पत्र लेकर 5 कारों से लोणावला और महाबलेश्वर पहुंचे थे। कपिल और दीपक वधावन यस बैंक और डीएचएफएल फ्रॉड केस में आरोपी हैं। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में जब संपूर्ण लॉकडाउन है और सभी जिलों की सीमा बंद कर दी गई हैं, बुधवार रात को वधावन परिवार के 9 सदस्यों एवं अन्य कर्मचारियों ने बुधवार की शाम कारों में खंडाला से महाबलेश्वर तक का सफर किया, जबकि कोरोना संक्रमण के चलते पुणे और सातारा जिलों को सील किया गया है। ये लोग अपनी-अपनी कारों में यात्रा कर रहे थे। उन्हें महाबलेश्वर स्थित दीवान फार्महाउस में देखा गया।
यह बात नगर पालिका की मुख्याधिकारी अमिता दगड़े-पाटिल ने तहसीलदार सुषमा चौधरी-पाटिल को बताई। उसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया। उन्होंने वधावन परिवार को कड़ाई से घर पर ही रहने को कहा। इसके बाद तहसीलदार, मुख्याधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारियों ने आज सुबह सभी लोगों की जांच की। किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले। इसके बाद सभी को पंचगनी की सरकारी इमारत में संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया गया। इमारत के बाहर कड़ा पुलिस पहरा लगाया गया है।
वाधवन परिवार के घोटाले से जुड़े हैं तार
वधावन परिवार के कई लोगों के तार डीएचएफएल घोटाले से जुड़े हैं। उनके खिलाफ विविध स्तरों पर जांच जारी हैं। ऐसा होते हुए भी गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव ने उन्हें अपना मित्र बताकर लॉकडाउन का उल्लंघन करने की अनुमति क्यों दिलवाई, इस पर सवाल उठ रहे हैं। सिफारिश पत्र में 5 वाहन, 23 लोगों के नाम वधावन परिवार को गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता ने महाबलेश्वर जाने के लिए सिफारिशी पत्र दिया था। उसमें उन्होंने लिखा था कि वे उनके पारिवारिक मित्र हैं और उन्हें महाबलेश्वर जाने में सहयोग किया जाए। पत्र में पांच वाहनों के नंबर के साथ ही कपिल वधावन, अरुणा वधावन, वनिता वधावन, टीना वधावन, धीरज वधावन, कार्तिक वधावन, पूजा वधावन, युविका वधावन, आहान वधावन, शत्रुघ्न घागा, मनोज यादव, विनिद शुक्ला, अशोक वाफेलकर, दीवान सिंह, अमोल मंडल, लोहित फर्नांडीस, जसप्रीत सिंह, अरी एवं जस्टिन डिमेलो, इंद्रकांत चौधरी, प्रदीप कांबले, एलिजाबेथ अय्यापिल्लई, रमेश शर्मा, तरकार सरकार के नाम हैं।