राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर बताया नागपुर की जगह मुंबई में होगा विधानमंडल का मानसून सत्र
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 11, 2019 12:10 PM2019-05-11T12:10:56+5:302019-05-11T12:10:56+5:30
पिछले वर्ष 4 जुलाई से मानसून सत्र नागपुर में करवा कर राज्य सरकार ने नई परंपरा आरंभ करने का प्रयास किया था लेकिन भारी वर्षा ने विधानमंडल सत्र को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया. विधानभवन में भी पानी घुस गया. बिजली गुल हो गई. दोनों सदन का कामकाज रोकना पड़ा.
वर्ष 2018 की भांति इस वर्ष विधानमंडल का मानसून सत्र नागपुर में नहीं होगा. राज्यपाल कार्यालय ने एक अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया है कि मानसून अधिवेशन मुंबई में ही होगा जबकि परंपरा अनुसार शीत सत्र नागपुर में होगा. उल्लेखनीय है कि जबकि नागपुर करार के तहत वर्ष में एक अधिवेशन नागपुर में होना अनिवार्य है. दो बार छोड़कर नागपुर में शीत सत्र ही होता आया है.
पिछले वर्ष 4 जुलाई से मानसून सत्र नागपुर में करवा कर राज्य सरकार ने नई परंपरा आरंभ करने का प्रयास किया था लेकिन भारी वर्षा ने विधानमंडल सत्र को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया. विधानभवन में भी पानी घुस गया. बिजली गुल हो गई. दोनों सदन का कामकाज रोकना पड़ा. पिछले वर्ष के कटु अनुभव को देखते हुए अटकलें चल रही थीं कि इस बार मानसून सत्र नागपुर में होगा या हमेशा की भांति मुंबई में.
बहरहाल राज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है. 17 जून को मानसून सत्र मुंबई में आरंभ होगा. वैसे पिछले वर्ष नागपुर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहल पर ही मानसून सत्र हुआ था. सत्ताधारी भाजपा ने दावा किया था कि शीत सत्र की समयावधि कम होती है. बजटीय प्रावधान के तहत आवंटित निधि भी समाप्ति की ओर होती है. ऐसे में विदर्भवासियों को न्याय नहीं मिलता.
उधर विपक्ष ने आरोप लगाया कि शीत सत्र के दौरान निकलने वाले मोर्चों से डरकर राज्य सरकार ने नागपुर में मानसून सत्र आहूत किया है. बहरहाल, नाागपुर में मानसून सत्र आयोजित करने का एक मुख्य कारण मुंबई में विधायक निवास में हो रहे निर्माणकार्य को भी बताया गया. दावा किया गया था कि विधायकों को असुविधा से बचाने के लिए मानसून सत्र को नागपुर में कराने का फैसला लिया गया.