Maharashtra Assembly Election 2019: महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में एक मालशिरस से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने युवा कार्यकर्ता राम सातपुते को उम्मीदवार बनाया था। राम सातपुते यह चुनाव जीत गए है। उनके पिता मजदूरी करके घर चलाते रहे हैं। घोर संघर्ष से जूझकर आगे बढ़े राम सातपुत ने अपनी जीत पर हाल ही में आई एक मशहूर बॉलीवुड फिल्म के डायलॉग से खुशी जाहिर की।
राम सातपुते ने ऋतिक रोशन अभिनीत फिल्म 'सुपर 30' का डायलॉग दोहराते हुए कहा, ''दो तीन साल से मैं वहां काम कर रहा हूं लेकिन मेरे यह बहुत ही आनंद की क्षण था कि मजदूर का बेटा.. जो अभी पिछली फिल्म आई थी कि राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा.. जो असली हकदार होगा वही राजा बनेगा.. तो मेरे लिए यह बहुत ही आनंद का क्षण है..।''
राम सातपुते ने समाचार एजेंसी एएनआई से अपनी भावनाएं साझा करते हुए आगे कहा, ''पहले तो मेरे माता जी पिता जी को एमएलए क्या होता है.. क्यों.. कुछ भी पता नहीं है लेकिन लगता था लोग आते हैं मिलते हैं तो लड़का कुछ तो अच्छा कर रहा है। इसकी वजह घर में भी पूरा आनंद का माहौल था लेकिन मेरे जैसे गरीब परिवार से आया हुआ, पिछड़े समाज आया हुआ कार्यकर्ता को यहां पे जो क्षमता.. एक ताकत देने का काम आदरणीय मुख्यमंत्री साहब और आदणीय अठावले साहब और पूरे पार्टी के सभी नेतृत्व ने जो किया है ये मैं जीवनभर में कभी भी भूल नहीं सकता।''
यहां देखें वीडियो-
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रात सातपुते के पिता एक चीनी मिल में श्रमिक रहे हैं। सातपुते बीजेपी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के सदस्य रहे हैं। पढ़ाई के दिनों में उन्होंने कई छात्र आंदोलनों में हिस्सा लिया। वह एवीबीपी में प्रदेश मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं। वह मूल रूप से महाराष्ट्र के अष्टी इलाके से आते हैं। यह इलाका गन्ना मिल श्रमिकों का गढ़ माना जाता है।
तीन भाई बहनों में सातपुते सबसे छोटे हैं। उन्होंने पुणे के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की है। बीजेपी ने उन्हें अपनी यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया था। राम सातपुते देवेंद्र फड़नवीस के करीबी भी माने जाते हैं और विधानसभा चुनाव में वह पहली बार चुनावी मैदान में थे।