महाराष्ट्र: सीएम उद्धव ठाकरे की साइन की हुई फाइल से छेड़छाड़, फर्जीवाड़ा करने वालों ने पलट दिया था फैसला, ऐसे हुआ खुलासा
By विनीत कुमार | Published: January 24, 2021 09:46 AM2021-01-24T09:46:28+5:302021-01-24T09:53:58+5:30
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की साइन की हुई फाइल से छेड़छाड़ के एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है। ऐसा करने वाले के पीछे किसका हाथ है, इस बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। मामले की जांच शुरू हो गई है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की साइन की हुई फाइल से छेड़छाड़ और उसमें बदलाव करने की कोशिश का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ये छेड़छाड़ भी ऐसी कि फाइल पर दिया आदेश ही बदल गया। बात सामने आने के बाद इस मामले में मुंबई की मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया है जांच शुरू कर दी गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सीएम ठाकरे ने एक फाइल पर साइन की थी जिसमें PWD के एक सुप्रीनटेंडिंग इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच को मंजूरी दी गई थी। हालांकि, बाद में उद्धव ठाकरे के हस्ताक्षर के ऊपर लाल स्याही में लिख दिया गया कि जांच बंद कर देनी चाहिए।
इस मामले में जोन-1 के डीसीपी शशिकुमार मीना ने बताया, 'अज्ञात लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।'
बहरहाल, इस मामले ने महाराष्ट्र में मंत्रालय में अंदरखाने तहलका मचा दिया है। एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, 'मुख्यमंत्री का साइन बेहद अहम और ताकत रखता है। कई बड़े मामलों में इसकी भूमिका अहम होती है। करोड़ों रुपये तक उनके साइन के बाद रिलीज किए जा सकते हैं। ऐसे में उनके साइन के साथ फर्जीवाड़े के मायने बहुत बड़े हैं।'
किस मामले में हुआ उद्धव ठाकरे के साइन के साथ फर्जीवाड़ा
सूत्रों के अनुसार दरअसल ये मामला उस समय का है जब महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार थी। उस सरकार ने तब कुछ साल पहले जेजे स्कूल ऑफ आर्ट बिल्डिंग में कामों के दौरान कथित आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत के बाद कई PWD इंजिनियर्स के खिलाफ जांच का प्रस्ताव दिया था।
इस मामले में उस समय एग्जिक्यूटिव इंजीनियर रहे नाना पवार के खिलाफ भी जांच होनी थी। नाना पवार अब सुप्रीनटेंडिंग इंजीनियर हैं।
इस दौरान सत्ता बदली और महा विकास अघाड़ी की सरकार के आने के बाद पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने जांच के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए फाइल को मुख्यमंत्री कार्यालय में उद्धव ठाकरे की मंजूरी के लिए भेजा।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय से फाइल जब लौटी तो चव्हाण ये देखकर हैरान हो गए कि इस जांच के प्रस्ताव में बदलाव कर दिए गए हैं। इसमें सभी दूसरे इंजीनियर्स के खिलाफ जांच की बात तो थी लेकिन नाना पवार के खिलाफ जांच नहीं करने की बात कही गई थी।
उद्धव ठाकरे का साइन देख अशोक चव्हाण को हुआ शक
अशोक चव्हाण को नाना पवार के खिलाफ जांच नहीं करने की बात पर हैरानी हुई। उन्होंने जब उद्ध ठाकरे का फाइल पर साइन देखा तो उन्हें गड़बड़ी का शक हुआ। असल में ठाकरे के साइन के ऊपर लिखा रिमार्क बेहद छोटे-छोटे अक्षरों में लिखा था।
एक सीनियर PWD अधिकारी के अनुसार, 'आम तौर पर जब आप कुछ लिखते हैं और फिर उसके नीचे साइन करते हैं तो बीच में काफी जगह छोड़ी जाती है ताकि पूरी बात उसमें आ सके।'
शक होने के बाद चव्हाण ने फाइल को फिर क्रॉस-चेक के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा। एक अन्य पीडब्ल्यूडी अधिकारी के अनुसार, 'मुख्यमंत्री का कार्यालय उनके साइन किए सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी रखता है। जांच में पाया गया कि उन्होंने जो दस्तावेज साइन किए थे, उसमें ये रिमार्क लिखा ही नहीं था। दरअसल उद्धव ठाकरे ने साइन कर सभी प्रकार के जांच को मंजूरी दी थी। इस तरह फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।'