महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज, अजित पवार को मिल सकता है वित्त मंत्रालय, अमित शाह से मुलाकात के बाद रास्ता हुआ साफ!
By अनिल शर्मा | Published: July 13, 2023 11:44 AM2023-07-13T11:44:26+5:302023-07-13T11:56:16+5:30
अजित पवार 2 जुलाई को अपने चाचा और गुरु, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ बगावत कर अपने गुट के साथ राज्य में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी की 'महायुति' सरकार से शामिल हो गए थे।
मुंबईः महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज कर दी गई है। 2 जुलाई को शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने गुरुवार अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो अमित शाह से बातचीत के बाद महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अजित पवार को वित्त विभाग मिलने की पूरी संभावना है। शाह के साथ हुई बैठक में 4-4-2 फॉर्मूले के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार पर बात बनी है। भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट को 4-4 मंत्री पद और एनसीपी को 2 मंत्री पद मिलेंगे। इस विस्तार के बाद दोनों पार्टियों शिंदे और बीजेपी के मंत्रियों की संख्या 14-14 होगी। मालूम हो कि नियम के मुताबिक, महाराष्ट्र में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं।
वहीं एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने पत्रकारों से भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन में दरार की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विभागों के आवंटन के मुद्दे को सुलझा लिया गया है और एक-दो दिन में राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा।
अजित पवार 2 जुलाई को अपने चाचा और गुरु, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ बगावत कर अपने गुट के साथ राज्य में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी की 'महायुति' सरकार से शामिल हो गए थे। शिंदे सरकार में शामिल होने के 11 दिनों तक उन्हें और उनके विधायकों को कोई विभाग नहीं दिया गया था।
इस बाबत 10 और 11 जुलाई की आधी रात भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस की बैठक हुई। सीएम आवास वर्षा में हुई इस बैठक में दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार भी शामिल थे। हालांकि तब भी बात नहीं बनी। अजित पवार वित्त, सिंचाई, सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग की मांग कर रहे हैं। जबकि शिंदे खेमा और भाजपा के कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं।