'भारी मन से लिया एकानाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला', महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष का बयान
By शिवेंद्र राय | Published: July 24, 2022 10:10 AM2022-07-24T10:10:28+5:302022-07-24T10:13:09+5:30
महाराष्ट्र में बड़ी पार्टी और ज्यादा विधायक होने के बाद भी मुख्यमंत्री पद भाजपा को नहीं मिला। एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का था। फड़नवीस की जगह शिंदे के मुख्यमंत्री बनने से सभी हैरान रह गए। अब एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का दर्द छलका है।
मुंबई: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का एक चर्चा में है। शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान चंद्रकांत पाटिल ने राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला भारी मन से लिया था। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जब केंद्रीय नेतृत्व ने देवेंद्र फड़नवीस की जगह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यतर्ताओं में दुख था। लेकिन भारी मन से हमें ये फैसला लेना पड़ा।
चंद्रकांत पाटिल के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी बयानबाजी का दौर भी शुरु हो गया है। एक तरफ जहां कांग्रेस भाजपा अध्यक्ष के इस बयान पर चुटकी लेते हुए नजर आई वहीं भाजपा के नेता अपने प्रदेश अध्यक्ष के बयान का बचाव करते दिखे। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने चंद्रकांत पाटिल के बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, मैं खुश हूं मेरे आंसुओं पर मत जाना।
मैं ख़ुश हो मेरे आंसुओं पे न जाना......😀😀 pic.twitter.com/Et3tnSJdLA
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) July 23, 2022
प्रदेश अध्यक्ष की टिप्पणी पर बीजेपी नेता आशीष शेलार ने संवाददाताओं से कहा कि यह पार्टी या पाटिल का रुख नहीं है, बल्कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का जिक्र कर रहे थे।
बता दें कि महाराष्ट्र में लगभग एक पखवाड़े तक चले सियासी उठापटक के बाद बीती 30 जून को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे को समर्थन देने की घोषणा करके सबको हैरत में डाल दिया था। शिवसेना में बगावत के बाद जब एकनाथ शिंदे पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों को अपने पाले में कर के अलग हुए तब माना जा रहा था कि भाजपा बागी शिवसेना विधायकों को साथ लेकर अपनी सरकार बनाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी में भी थे लेकिन तभी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला लिया कि मुख्यमंत्री शिंदे होंगे और फड़नवीस उपमुख्यमंत्री।