महाराष्ट्र चुनाव: कैरम बोर्ड, सीसीटीवी कैमरा, बैट, तरबूज, ऑटो रिक्शा, उम्मीदवारों को मिले अजीबोगरीब चुनाव निशान

By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 10, 2019 03:31 PM2019-10-10T15:31:14+5:302019-10-10T15:31:14+5:30

Bizzare Election symbols: आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों को सीसीटीवी कैमरा, कैरम बोर्ड, बैट, तरबूज जैसे अजीबोगरीब चुनाव निशान दिए गए

Maharashtra Assembly Polls 2019: Bizarre election symbols for independent candidates | महाराष्ट्र चुनाव: कैरम बोर्ड, सीसीटीवी कैमरा, बैट, तरबूज, ऑटो रिक्शा, उम्मीदवारों को मिले अजीबोगरीब चुनाव निशान

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कप, बैट, तश्तरी और गैस सिलेंडर जैसे चुनाव निशान

Highlightsमहाराष्ट्र चुनावों में उम्मीदवारों को दिए गए बैट, तरबूज, नारियल जैसे अजीबोगरीब चुनाव निशानऐसे चुनाव निशान निर्दलीय उम्मीदवारों या गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को दिए जाते हैं

अगर आपसे कोई पूछे कि आगामी महाराष्ट्र चुनावों में ड्रिल मशीन, रोड रोलर, बैट, कैरम बोर्ड, सीसीटीवी कैमरों और तरबूज का क्या कनेक्शन है? तो शायद आप चौंक जाएंगे, दरअसल ये सारी चीजें इन चुनावों में बेहद कम चर्चित पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के अजीबोगरीब चुनाव चिह्न हैं। 

एक तरफ जहां निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए कप, बैट, तश्तरी और गैस सिलेंडर जैसे सामान्य चुनाव चिह्न कायम हैं, तो वहीं उम्मीदवारों की अंतिम सूची में कई अजीबोगरीब चुनाव चिन्ह भी शामिल हैं। 

उम्मीदवारों को दिए गए तरबूज, बिस्किट, नारियल जैसे अजीबोगरीब चुनाव चिह्न 

इन उम्मीदवारों को दिए गए चुनाव चिह्नों में खाने के सामानों में तरबूज, बिस्किट, नारियल और वाहनों में हेलिकॉप्टर, जहाज और मुंबई का पसंदीदा ऑटो रिक्शा शामिल है।

वहीं चांदीवली से निर्दलीय उम्मीदवार हर्षवर्द्धन पांडेय का चुनाव चिन्ह वाटर टैंक है, जबकि अनुशक्ति नगर से आने वाले एक और निर्दलीय उम्मीदर हैं अब्दुल बेग, जिनका चुनाव चिन्ह लोकप्रिय खेल लूडो है।

1951-52 में जब पहले आम चुनाव हुए तो देश की एक बड़ी आबादी अशिक्षित थी, इसलिए उम्मीदवारों और पार्टियों को दृश्य प्रतीक दिए गए। इनमें से कुछ लोकप्रिय प्रतीकों राष्ट्रीय पार्टियों-कांग्रेस (हाथ), भारतीय जनता पार्टी (कमल का फूल) और शिवसेना (धनुष और तीर) हैं। 

चुनाव प्रतीक (आरक्षण और आवंटन) आदेश 1968 के मुताबिक, चुनाव आयोग किसी भी चुनाव लड़ने वाले को चिह्न या प्रतीक जारी करता है। 

अगर उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त पार्टी का है तो उसे पार्टी का चिन्ह मिलता है। निर्दलीय पार्टियों या गैर मान्यता प्राप्त दलों का है, तो उम्मीदवार को चुनाव आयोग से संपर्क करना पड़ता है और  उसे लिस्ट में से उपलब्ध चुनाव चिन्ह उपलब्ध कराया जाता है। 

हालांकि कुछ जानकार निर्दलीय उम्मीदवारों को दिए जाने वाले अजीबोगरीब और अस्पष्ट चुनाव चिह्नों की आलोचना करते हुए कहते हैं कि इससे इन उम्मीदवारों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा कमजोर होती है और साथ ही ऐसे चुनाव चिह्नों से लोग उस उम्मीदवार से जुड़ ही नहीं पाते, जो अपनी पहचान के लिए पहले ही संघर्ष कर रहा होता है।

Web Title: Maharashtra Assembly Polls 2019: Bizarre election symbols for independent candidates

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