महाराष्ट्र: नवाब मलिक पर विवाद बढ़ने के बाद अजीत पवार ने कहा, "वो अपनी स्थिति स्पष्ट कर लें, फिर मैं अपनी बात रखूंगा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 8, 2023 01:08 PM2023-12-08T13:08:48+5:302023-12-08T13:12:07+5:30
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने एनसीपी विधायक नवाब मलिक के विवाद पर कहा कि वो मलिक के आधिकारिक रुख का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद ही अपने विचार सामने रखेंगे।
नागपुर: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस द्वारा सरकार में शामिल एनसीपी प्रमुख और डिप्टी सीएम अजित पवार को पत्र लिखकर मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन में एनसीपी विधायक नवाब मलिक को शामिल किये जाने का विरोध करने के बाद अजित पवार ने कहा कि वह नवाब मलिक के आधिकारिक रुख का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद ही अपने विचार सामने रखेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अजित पवार ने कहा, "मुझे देवेंद्र फड़नवीस का पत्र मिला। सबसे पहले मैं यह जानने के बाद अपनी बात रखूंगा कि नवाब मलिक का आधिकारिक रुख क्या है। विधानसभा में कौन कहां बैठता है, यह मैं तय नहीं करता, यह फैसला स्पीकर का होता है।"
नवाब मलिक के कथित तौर पर अजीत पवार के साथ गठबंधन करने का विवाद महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगियों के बीच विवाद का मुद्दा बना हुआ है। एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता अमोल मिटकारी ने कहा कि नवाब मलिक पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता रहे हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता (अजित पवार) ही इस पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे।
अमोल मिटकारी ने कहा, "विधानसभा में बैठने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। अगर विधानसभा अध्यक्ष ने बैठने की व्यवस्था की है तो मेरा मानना है कि उन्हें इसके बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए। नवाब मलिक पार्टी के प्रवक्ता और अब एक वरिष्ठ नेता हैं। वह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "सुनील तटकरे ने कल रुख स्पष्ट कर दिया। मैंने इससे ठीक पहले अजीत पवार से मुलाकात की थी। वह या पार्टी के वरिष्ठ नेता ही इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे।''
मालूम हो कि अजित पवार गुट के नेता सुनील तटकरे ने बीते गुरुवार को कहा था कि नवाब मलिक पुराने राजनीतिक सहयोगी है लेकिन उनके साथ गठबंधन में शामिल होने पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई थी।
तटकरे ने कहा, "नवाब मलिक कई वर्षों से हमारे वरिष्ठ सहयोगी हैं। बीमारी के आधार पर जमानत मिलने के बाद हमने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए मुलाकात की थी। हमारी उनसे कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। आज विधानसभा में आने के बाद यह स्वाभाविक है कि वह पुराने सहयोगियों हैं तो मुलाकात और बातचीत होगी।"
हालांकि शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि विकास सिर्फ दिखावा था और अजित गुट के अन्य नेताओं को भी कड़े आरोपों का सामना करना पड़ा है।
राउत ने कहा, "राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र लिखा। नागपुर में दोनों सदन में एक साथ बैठकर पत्र लिख रहे हैं और पत्राचार कर रहे हैं। यह तमाशा है। बीजेपी बार-बार यही स्वांग रच रही है। अजित पवार जी पर 70 हजार करोड़ रुपये का आरोप है, प्रफुल्ल पटेल की संपत्ति जब्त कर ली गई है। उसी तरह जैसे नवाब मलिक पर भी आरोप लगाए गए हैं।"
संजय राउत ने देवेंद्र फड़नवीस के पत्र लिखने पर कहा, "अरे फड़नवीस से तो प्रफुल्ल पटेल और हसन मुश्रीफ या अजीत पवार पर राय पूछी जानी चाहिए, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। अजीत पवार गुट के प्रताप सरनाइक और भावना गवली पर भी आरोप हैं फिर वे भाजपा गठबंधन का हिस्सा कैसे हैं। अगर यह नैतिकता का मुद्दा होता तो आप उनके साथ सरकार नहीं बनाते। केवल नवाब मलिक पर ही हमला क्यों?"