मध्य प्रदेश: व्यापमं घोटाले के सचेतक आनंद राय सरकारी नौकरी से बर्खास्त, जानें क्यों हुई कार्रवाई?
By अंजली चौहान | Published: March 28, 2023 10:48 AM2023-03-28T10:48:09+5:302023-03-28T13:29:22+5:30
आरोप है कि आनंद राय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से गलत जानकारी फैलाने का काम किया, जिसके बाद उन्हें सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
इंदौर: मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर के हुकुमचंद सरकारी अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ आनंद राय को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। सोमवार को सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए उन्हें उनकी सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
वह नेत्र रोग के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है। मध्य प्रदेश सरकार ने ये कार्रवाई सिविल सेवा नियम 1996 के नियम 10 के अंतर्गत दीर्घ संधि रोपित करते हुए की है।
क्यों हुए बर्खास्त?
सोमवार को एक आदेश में राज्य के स्वास्थ्य सेवा विभाग ने कहा कि राय को ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण पिछले साल निलंबित किए जाने के बाद दोषी पाया गया था। आदेश में कहा गया कि विभागीय जांच में राय के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए।
आदेश में कहा गया है, "जांच अधिकारी से प्राप्त जांच रिपोर्ट दोषी अधिकारी डॉक्टर आनंद राय को निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी गई थी और उनका बचाव पक्ष निर्धारित समय अवधि के भीतर मांगा गया था, जो कि अप्राप्त रहा।"
वहीं, दूसरी ओर एक ओर आरोप डॉक्टर आनंद राय पर कार्रवाई की वजह बताई जा रही है। आरोप है कि आनंद राय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से गलत जानकारी फैलाने का काम किया, जिसके बाद उन्हें सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले उन्हें अन्य मामले में निलंबित कर दिया गया था।
व्यापम घोटाले में सचेतक थे आनंद राय
जानकारी के मुताबिक, आनंद राय 2013 में सामने आए व्यापमं घोटाले में सचेतक (व्हिसलब्लोअर) थे। इस घोटाले के तहत अयोग्य उम्मीदवारों को कथित रूप से उच्च रैंक हासिल कराई गई थी। ये उम्मीदवार या तो परीक्षाओं से या तो धोखाधड़ी के माध्यम से उच्च रैंक तक पहुंचे थे।
इस घोटाले में कथित रूप से राजनेताओं और अधिकारियों ने रिश्वत के बदले लोगों को धोखाधड़ी करने की सुविधा दी थी। इस रैकेट से जुड़े करीब 16 लोगों की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी। इस पूरे घोटाले के सचेतक के रूप में डॉक्टर आनंद राय को जाना जाता है।
मालूम हो कि व्यापमं मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड के लिए हिंदी का संक्षिप्त नाम है, जो व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा आयोजित करता है।
इस बीच आनंद राय ने अपने ऊपर हुई इस कार्रवाई के बाद सरकार पर आरोप लगाया है। राय जो पहले से दो आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए ये 'इनाम' दिया गया है।
उनका कहना है कि वह आदिवासियों के बीच उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रहे जो कि राज्य की बीजेपी सरकार को पसंद नहीं आ रहा है। राय का कहना है कि इसके खिलाफ अब वह आने वाले चुनावों में चुनाव लड़ेंगे।