मध्य प्रदेश: 'सुपर मॉम' बाघिन की मौत, 'कॉलरवाली' नाम से थी मशहूर, 29 शावकों को दिया था जन्म

By विनीत कुमार | Published: January 17, 2022 09:41 AM2022-01-17T09:41:28+5:302022-01-17T09:41:28+5:30

मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व की मशहूर बाघिन की मौत शनिवार शाम हो गई। यह बाघिन 'कॉलरवाली' नाम से लोकप्रिय थी। कॉलरवाली बाघिन के नाम एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड भी है।

Madhya Pradesh: Supermom tigress Collarwali dies who gave birth to 29 cubs | मध्य प्रदेश: 'सुपर मॉम' बाघिन की मौत, 'कॉलरवाली' नाम से थी मशहूर, 29 शावकों को दिया था जन्म

मध्य प्रदेश के 'सुपर मॉम' बाघिन की मौत (फोटो- ट्विटर)

Highlightsमध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में 'कॉलरवाली' नाम से मशहूर बाघिन की मौत।बाघिन ने 2008 से 2018 के बीच अपने जीवनकाल में 29 शावकों को जन्म दिया, 'सुपरमॉम' के नाम से भी थी मशहूर।कॉलरवाली बाघिन के नाम एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।

भोपाल: मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में 'कॉलरवाली' नाम से मशहूर बाघिन की मौत हो गई है। बाघिन की मौत शनिवार शाम हुई। अपने जीवन में 29 शावकों को जन्म देने के कारण 17 साल की इस बाघिन को 'सुपरमॉम' भी कहा जाता था। T-15 नाम से भी जानी जाने वाली इस बाघिन ने 2008 से 2018 के बीच 29 शावकों को जन्म दिया।

आंत में बाल के गोले फंसने से मृत्यु का अंदेशा

'कॉलरवाली' बाघिन शनिवार शाम सवा छह बजे के करीब कर्माझारी के कोर वनपरिक्षेत्र बुढादत्त नाला, रैयकसा कैम्प के तहत कुंभादेव कक्ष परिसर में मृत मिली। प्राप्त जानकारी के अनुसार T-15 बाघिन को शरीर चाटने की आदत होने से उसके शरीर के बाल पेट में जमा होने लगे थे।

यह बाल बाघिन के उल्टी के जरिए भी बाहर नहीं निकल पा रहे थे। इसके कारण उसकी आंत में बाल का गोला फंसने और वृद्धावस्था के चलते बाघिन की मौत होने का अनुमान जताया जा रहा है।

पिछले एक हफ्ते से बाघिन की लगातार निगरानी की जा रही थी। हालांकि शनिवार शाम तक बाघिन के शरीर में कोई हलचल नहीं होने से वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची। इसके बाद रविवार सुबह बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया गया और फिर अंत्येष्टि कर दी गई।

बाघिन का नाम कॉलरवाली क्यों?

कॉलरवाली बाघिन का जन्म सितंबर 2005 में हुआ था। इसके बाद उसकी मां बाघिन टी-7 की मृत्यु हो गई। उसके पिता को चार्जर नाम से जाना जाता था। बाघिन की निगरानी के लिए उस पर कॉलर आईडी लगाया गया था। वह अक्सर पर्यटकों को शावकों के साथ पेंच टाइगर रिजर्व में दिख जाती थी, इसलिए कॉलरवाली नाम से प्रसिद्ध हो गई।

कब, कितने शावकों को दिया जन्म

कॉलरवाली बाघिन ने मई 2008 में पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2008 में चार शावक, अक्टूबर 2010 में पांच शावक, मई 2012 में तीन शावक, अक्टूबर 2013 में तीन शावक, अप्रैल 2015 में चार शावक, 2017 में तीन शावक और दिसंबर 2018 में चार शावकों को जन्म दिया।

एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड

कॉलरवाली बाघिन के नाम एक साथ पांच शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड दर्ज है। इससे पहले सबसे ज्यादा 23 शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बाघिन मछली के नाम दर्ज था।

Web Title: Madhya Pradesh: Supermom tigress Collarwali dies who gave birth to 29 cubs

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Madhya Pradesh