मध्य प्रदेश चुनाव: सपा-बसपा बागियों को दे रहे हैं 'खुलेआम न्योता', बीजेपी-कांग्रेस को सता रहा है अंदरूनी टूटफूट का डर

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 23, 2018 11:46 AM2018-10-23T11:46:36+5:302018-10-23T11:46:36+5:30

मध्य प्रदेश विधानसभा की चुनाव की अधिसूचना अगले महिने की 2 तारीख को होने जा रही है इसके बाद ही बडेÞ दलों की पहली सूचियां आने की संभावना है।

Madhya Pradesh Election 2018: sp and bsp are alluring rebel of bjp and congress | मध्य प्रदेश चुनाव: सपा-बसपा बागियों को दे रहे हैं 'खुलेआम न्योता', बीजेपी-कांग्रेस को सता रहा है अंदरूनी टूटफूट का डर

मध्य प्रदेश चुनाव: सपा-बसपा बागियों को दे रहे हैं 'खुलेआम न्योता', बीजेपी-कांग्रेस को सता रहा है अंदरूनी टूटफूट का डर

मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनावी मैदान में छोटे दल, बड़े दलों के बागियों के आसरे है। प्रदेश में बसपा, सपा और गोगपा जैसे दोनो बड़े दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में टिकट वितरण का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें लगता है कि टिकटों की घोषणा होने के साथ ही तमाम लोग उनके पास आ सकते हैं, जिन्हें भाजपा और कांग्रेस टिकट नहीं देगी। बडे़ दल भी इस बात को बखूबी जानते है इस लिए टिकटों की घोषणा नहीं कर रहे हैं। 

छत्तीसगढ़ बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर ईंट-पत्थर चलने की खबर के बीच मध्य प्रदेश बीजेपी में भी टिकट बंटवारे को लेकर अंदरूनी घमासान के आसार हैं। 

टिकट वितरण के बाद भाजपा में आशंकित बगावत रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अभी से सक्रिय हो गया है। इसके साथ ही भाजपा संघगठन के स्तर पर कार्यकर्ताओं ओर नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहा है। कांग्रेस के बड़े नेता भी अभी से अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं का समझा रहे है।

 पिछले दिनों ग्वालियर में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्यातिरादित्य सिधिंया ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 सीटों से टिकिट मांग रहे कांग्रेस नेताओं से चर्चा करते हुए कहा था कि टिकिट किसी एक को मिलेगा और सब को उनका काम करना होगा। 

कुछ इसी तरह भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के निवास पर कांग्रेस नेताओं से चर्चा करते हुए कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए जरुरी है दुश्मन को भी टिकिट मिले तो उसका काम अपको करना चाहिए।

समाजवादी पार्टी और बसपा दे रहे हैं बागियों को 'लालच'

छोटे दलों मसलन बहुजन समाजवादी पार्टी और गोडवाना गणतंत्र पार्टी ने अब तक प्रदेश में बहुत की कम सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। वे बड़े दलों में टिकिट वितरण का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनके प्रभावशाली बागियों को अपना प्रत्याशी बना सकें।

बीते चुनावों में भी बसपा और सपा की तो मध्यप्रदेश में रणनीति रही है कि बडेÞ दलों के प्रभावशाली बागियों को टिकिट दे कर अपनी सीटें बढ़ाई जाए। मध्यप्रदेश के चुनाव के लिए अब तक बसपा ने महज 22 और सपा ने 7 प्रत्याशियों को उतरने की घोषणाकी है। 

सपा के एक प्रत्याशी ने अर्जुन आर्य ने टिकट घोषित होने के दूसरे ही दिन टिकट वापस कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। पिछले दिनों जब सपा के प्रमुख और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखलेश यादव मध्यप्रदेश के दौरे पर आए थे तब उन्होंने दोनों ही बड़े दलों के टिकिट चाहने वालों को खुला ऑफर देते हुए कहा था कि वहां टिकिट न मिले तो हमारे पास आ जाना। 

सपा प्रमुख के इस खुले अफर में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं को चिंतित कर रखा है। कुछ इसी तरह की रणनीति बसपा भी अख्तियार कर रही है उसके संपर्क में तमाम ऐसे टिकिट चाहने वाले है जो कांग्रेस और भाजपा में अपनी संभावनाएं तालाश रहे है वहां टिकिट न मिलने पर बसपा के साथ आने का रास्ता खोले हुए है।

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