इंदौर।कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दिन-रात पहरा दे रहे पुलिसकर्मी खुद को इस संक्रमण से नहीं बचा पा रहे हैं। मध्यप्रदेश का हॉटस्पॉट इंदौर पुलिसकर्मियों के लिए टेढ़ी खीर बनता जा रहा है। यहां अब तक 31 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण के चपेट में आ चुके हैं। संक्रमित पुलिसकर्मियों में 22 का इलाज चल रहा है, 8 को पूरी तरह से ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। वहीं एक संक्रमित पुलिसकर्मी को अपनी जान गंवानी पड़ी है। जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 27 और मरीज मिले। इसके बाद इस महामारी की जद में आए लोगों की तादाद 1,654 से बढ़कर 1,681 पर पहुंच गई है। इनमें से 491 मरीजों को इलाज के बाद संक्रमणमुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी से बुधवार को दो और मरीजों की मौत हो गई। इसके साथ ही, जिले में इस वायरस के संक्रमण के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 81 पर पहुंच गयी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बुधवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित दो मरीजों ने शहर के अस्पतालों में पिछले दो दिन में अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के शिकार मरीजों में शामिल 36 वर्षीय पुरुष मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पहले ही पीड़ित था, जबकि 75 वर्षीय बुजुर्ग हृदय संबंधी विकार से जूझ रहे थे।
सीएमएचओ ने बताया कि जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 27 और मरीज मिले। इसके बाद इस महामारी की जद में आये लोगों की तादाद 1,654 से बढ़कर 1,681 पर पहुंच गयी है। इनमें से 491 मरीजों को इलाज के बाद संक्रमणमुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। ताजा आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि रेड जोन में शामिल इंदौर जिले में बुधवार सुबह की स्थिति में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर 4.82 प्रतिशत थी। पिछले 10 दिन से जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर पांच प्रतिशत से कम बनी हुई है। इंदौर में कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है, जबकि जिले के अन्य स्थानों पर सख्त लॉकडाउन लागू है।