मध्य प्रदेश बजट 2019: गांव, गरीब, किसान के विकास पर जोर, कमलनाथ सरकार ने पेश किया 2 लाख 35 हजार करोड़ का बजट

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 11, 2019 07:10 AM2019-07-11T07:10:10+5:302019-07-11T07:10:10+5:30

मध्यप्रदेश सरकार के बजट में गांव, गरीब, किसान, स्वास्थ्य, शिक्षा और शहरों व गांव के विकास पर जोर

Madhya Pradesh Budget 2019: The emphasis on the development of the village, the poor, the farmers | मध्य प्रदेश बजट 2019: गांव, गरीब, किसान के विकास पर जोर, कमलनाथ सरकार ने पेश किया 2 लाख 35 हजार करोड़ का बजट

मध्य प्रदेश बजट 2019: गांव, गरीब, किसान के विकास पर जोर, कमलनाथ सरकार ने पेश किया 2 लाख 35 हजार करोड़ का बजट

Highlightsमध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार का पहला बजट आज राज्य विधानसभा में वित्त मंत्री तरुण भनोत ने प्रस्तुत किया.वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बजट की वित्तीय जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सकल राज्य घरेलू घाटे का प्रतिशत 3.34 फीसदी अनुमानित है.

भोपाल, 10 जुलाईः मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार का पहला बजट आज राज्य विधानसभा में वित्त मंत्री तरुण भनोत ने प्रस्तुत किया. बजट में 233605.89 करोड़ की राशि विनियोग और 214085.02 करोड़ रुपए की राशि व्यय के लिए रखी गई है. इस तरह राज्य का वर्ष 2019-20 का बजट 732.60 करोड़ रुपए के राजस्व आधिक्य का है. कमलनाथ सरकार के पहले बजट में गांव, गरीब, किसान, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगरीय एवं ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया गया है. बजट में किसानों की ऋण माफी योजना के लिए 8 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

राज्य सरकार के वित्त मंत्री तरुण भनोत ने लगभग 45 मिनट चले अपने बजट भाषण में एक तरफ जहां आय और व्यय की मोटी रूप रेखा खींचते हुए कुल आय और व्यय का विवरण सदन के समक्ष रखा वहीं कमलनाथ सरकार की नीतियों को महान अर्थशास्त्री और चिंतक कौटिल्य का स्मरण करते हुए उल्लेख किया. उन्होंने कौटिल्य को उल्लेखित करते हुए कहा कि

प्रजासुखे सुखं राज्ञ: प्रजानां तु हिते हितम्।
नात्मप्रियं हितं राज्ञ: प्रजानां तु प्रियं हितम्।।

अर्थात प्रजा के सुख में राजा का सुख निहित है, प्रजा के हित में उसे अपना हित दिखना चाहिए. जो स्वयं को प्रिय लगे उसमें राजा का हित नहीं है, उसका हित तो प्रजा को प्रिय लगे उसमें है. कौटिल्य का यही सूत्रवाक्य हमारी सरकार का मूलमंत्र है.

अपने बजट भाषण का विस्तार करते हुए वित्त मंत्री भनोत ने कई बार भाषण में कविताओं और युक्तियों का सहारा लिया. उन्होंने सदन को बताया कि राज्य को पिछली सरकार से बहुत अच्छी आर्थिक स्थिति नहीं मिली है. कमलनाथ सरकार ने 17 दिसंबर 2018 को कार्यभार ग्रहण किया था, उसके बाद 10 मार्च से 25 मई तक आचार संहिता लागू हो गई थी. इस दौर में न केवल काम करने पर बंदिशें थीं, बल्कि हम सब राजनीतिक कार्यों में व्यस्त थे. आचार संहिता की अवधि को छोड़कर हमें काम करने के लिए 128 दिन मिले. इस दौर में किसानों की ऋण माफी, बिजली का बिल हाफ, युवाओं को रोजगार के लिए युवा स्वाभिमान योजना, सामाजिक पेंशन को दोगुना करना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना में अनुदान राशि को बढ़ाना, पुजारियों का मानदेय तीन गुना करना, पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश दिए जाने जैसे कार्य किए गए.

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बजट की वित्तीय जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सकल राज्य घरेलू घाटे का प्रतिशत 3.34 फीसदी अनुमानित है. इसके साथ ही अनुमानित राजस्व प्राप्तियां 179353.75 करोड़ हैं. जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 65273.74, केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 63750.81 करोड़, करेत्तर राजस्व 13968.27 करोड़ एवं केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 36360.93 करोड़ शामिल है. आपने बताया कि वर्ष 2019-20 के बजट में पिछले बजट के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य के स्वयं के राजस्व में 23.69 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित की गई है. 

इसके साथ ही 2019-20 में राजस्व व्यय 178621.12 अनुमानित है जो पिछले वर्ष 2018-19 के पुनरीक्षित अनुमान 151.46 करोड़ से 18.27 प्रतिशत अधिक है. आपने बताया कि 2018-19 में राज्य का पूंजीगत व्यय 29256.78 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 35463.90 करोड़ रुपया है. इस तरह 21.22 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है. आपने बताया कि वित्तीय अनुशासन के दायरे में रहते हुए राज्य के द्वारा लिए गए ऋणों के व्याज भुगतान का कुल राजस्व प्राप्तियों से 8.04 करोड़ है.

कर्ज लेना कोई बुरी बात नहीं

राज्य विधानसभा में बजट प्रस्तुत करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री तरुण भानोट ने कहा कि राज्य के विकास के लिए अगर कोई कर्ज लिया जाता है तो वह बुरी बात नहीं है. आपने कहा कि राज्य में 2012 के बाद जो कर्ज लिया गया वह उत्पादक कार्यों में नहीं लगा. हम जो कर्ज लेंगे या ले रहे हैं वह राज्य के विकास को गति देगा. इस दौरान वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि महालेखाकार के अनुसार 31 मार्च 2018 की स्थिति में राज्य पर 1 लाख 52 हजार 745 रुपए का कर्ज था. 

एक मोटे अंदाज के अनुसार 2019 में हमारा कर्ज बढ़कर 1 लाख 80 हजार 988 करोड़ रुपए हो गया होगा. इसी दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के दायरे में रहकर राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियों का 10 फीसदी तक व्याज में भुगतान कर सकते हैं लेकिन हम इससे नीचे कुल राजस्व प्राप्तियों का 8.04 प्रतिशत व्याज में भुगतान कर रहे हैं.

ऋण माफी के लिए वचनबद्ध है सरकार

संवाददाताओं ने जब वित्त मंत्री से जानना चाहा कि ऋण माफी के लिए सिर्फ 8 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है क्या इससे किसानों के ऋण माफ हो पाएंगे तो उन्होंने कहा कि हम किसानों की ऋण माफी के लिए वचनबद्ध हैं. ऋण माफी के पहले चरण में हमने लगभग 20 लाख किसानों के ऋण माफ किए हैं. यह ऋण मूलत: एमपीए के तहत आने वाले ऋण थे. इसके साथ ही 50 हजार रुपए तक के चालू खाता ऋण भी माफ किए गए. दूसरे चरण में हम शेष किसानों के ऋण माफ करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं. ऋण माफी के लिए जितनी राशि आवश्यक होगी उसका प्रावधान किया जाएगा. 

आपने कहा कि राज्य सरकार रामपथ गमन और गौशालाओं के निर्माण के लिए कृतसंकल्पित है. इसके लिए हमने बजट में राशि का प्रावधान किया है. हम इन दोनों ही विषयों में निजी क्षेत्र का भी सहयोग लेंगे. आपने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए यह स्पष्ट हो चुका है कि भाजपा ने हमें किस खराब स्थिति में प्रदेश को सौंपा था. भाजपा के विकास के दावों के बीच यह सच्चाई है कि हम गरीबी में नीचे से तीसरे राज्य हैं.

वृद्धों को आसरा, महिलाओं की निश्चितंता पर की चिंता

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि बजट में वृद्धजनों को आसरा, महिलाओं को निश्चिंतता, तरुणों की तरुणाई, विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के समग्र विकास की पहल, कन्याओं को अभय, व्यवसायिकों को निर्बाध व्यवसाय का संदेश, किसानों को सुखद जीवन का आधार, कर्मियों को निश्चिन्त भविष्य का विश्वास, कर्मकारों की दैनिक जीवन की कठिनाईयों की चिंता, जनता के जीवन यापन को सुविधा सम्पन्न बनाने की सोच, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर एवं प्रदेश के औद्योगिक विकास से संबंधित कार्यक्रमों एवं योजनाओं के लिए आवश्यक प्रावधान रखे गए हैं.

Web Title: Madhya Pradesh Budget 2019: The emphasis on the development of the village, the poor, the farmers

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे