मध्य प्रदेशः बैतूल के जिला जेल में कैदी ने की खुदकुशी की कोशिश, जानिए मामला
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 7, 2020 09:54 PM2020-11-07T21:54:39+5:302020-11-07T21:56:15+5:30
भोपालः भोपाल बैतूल के जिला जेल में बंद दो कैदियों द्वारा टायलेट क्लीनर पीने और उनमें से एक कैदी की मौत हो जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि बीते मंगलवार को यहां एक और कैदी ने खुदकुशी की कोशिश की.
इस मामले को लेकर मामले को लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते कहा कि शिकायत के अनुसार कम और खराब भोजन दिए जाने का आरोप लगाते हुए दुराचार के मामले में सजायाफ्ता कैदी ने दोपहर में भोजन के दौरान ग्लास से वार कर गला काटने की कोशिश की. उसे जिला अस्पताल लाकर इलाज के बाद वापस जेल ले जाया गया है.
मुलताई निवासी कैदी दुलारी को दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा हुई है. सूत्रों के अनुसार दुलारी ने भी अपर्याप्त और खराब गुणवत्ता का भोजन दिये जाने से नाराज होकर यह कदम उठाया है. उल्लेखनीय है कि विगत 21 अक्टूबर को कैदी मंटू और बृजेश ने भी खराब एवं कम भोजन तथा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत करते हुए टॉयलेट क्लीनर पी लिया. दोनों को जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था. भोपाल में इलाज के दौरान कैदी मंटू की मौत हो गई थी. इस मामले में आयोग ने जिला जेल अधीक्षक, बैतूल से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है.
डाक्टर की प्रताड़ना में पांच पर एफआईआर: जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय में 26 वर्षीय पीजी डॉक्टर भगवत देवांगन द्वारा विगत माह एक अक्टूबर को आत्महत्या कर लेने के मामले में पांच सीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पांचों के खिलाफ भगवत के भाइयों ने जबलपुर शहर के गढ़ा थाने में लिखित शिकायत कर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. मामले में मेडिकल कालेज के डीन को भी शिकायत की थी. एंटी रैगिंग कमेटी भी मामले में जांच कर रही है.
पुलिस के मुताबिक आर्थाे से पीजी कर रहे पांच सीनियर छात्रों विकास द्विवेदी, अमन गौतम, सलमान, शुभम शिंदे, अभिषेक गेमे को आरोपी बनाया गया है. प्रकरण में धारा 306, 34 भादवि का मामला दर्ज किया गया है. 2 अक्टूबर को भगवत देवांगन के बड़े भाई प्रहलाद और छोटे भाई देवी देवांगन ने गढ़ा थाने में इसकी शिकायत की थी. पांचों आरोपी सोशल ग्रुप में भी उसे लेकर काफी आपत्तिजनक पोस्ट करते थे, उससे 24-24 घंटे की ड्यूटी लेते थे. उसके साथ आपत्तिजनक बर्ताव करते थे. उसे कई बार सजा के तौर पर मुर्गा बना देते थे. यहां तक कि उसके साथ मारपीट भी करते थे.
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में रहौद निवासी भगवत देवांगन ने जुलाई में पीजी आर्थाेपेडिक 2020 के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था. एमबीबीएस उसने पुणे स्थित मेडिकल कॉलेज से किया था. पांचों सीनियर छात्रों की प्रताड़ना से भगवत ने तनाव में आकर सितम्बर में बड़ी मात्रा में दवाएं खा ली थी. इसके बाद वह एक महीने तक घर रहा, तब भी उसके मोबाइल पर सीनियर छात्रों के आपत्तिजनक और हर्ट करने वाले मैसेज आते थे. पच्चीस सितम्बर को वह जबलपुर लौटा था और एक अक्टूबर को दोपहर में मेडिकल कॉलेज हॉस्टल नम्बर-3 में फंदा लगाकर झूल गया था.
इस मामले में आयोग ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, स्वास्थ्य विभाग तथा नेताजी सुभाषचन्द्र मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के अधीक्षक से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है. आयोग ने यह भी पूछा है कि मृतक के परिवार को क्या कोई कानूनी, आर्थिक मदद दी गई अथवा नहीं? आयोग ने पुलिस अधीक्षक, जबलपुर से भी प्रतिवेदन मांगकर पूछा है कि इस प्रकरण में आईपीसी की धारा 306 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है अथवा नहीं?