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अधिकारी को बैट से पीटने वाले BJP MLA आकाश विजयवर्गीय को नहीं मिली जमानत, भोपाल की विशेष अदालत में मामला ट्रांसफर 

By भाषा | Updated: June 27, 2019 20:08 IST

अदालत ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय और प्रदेश सरकार के विधि और विधायी कार्य विभाग की अलग-अलग अधिसूचनाओं का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राज्य में निर्वाचित समस्त सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई का अधिकार भोपाल के 21वें अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश सिंह को दिया गया है।’’

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ठळक मुद्देन्याय दृष्टांत पेश कर दलील दी गयी कि इंदौर की सत्र अदालत को भाजपा विधायक की जमानत अर्जी पर सुनवाई का अधिकार है।आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और नवंबर 2018 का विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने।

सत्र न्यायालय ने इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के बहुचर्चित मामले में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।

विशेष सत्र न्यायाधीश बीके द्विवेदी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था और देर शाम फैसला सुनाया। अदालत ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय और प्रदेश सरकार के विधि और विधायी कार्य विभाग की अलग-अलग अधिसूचनाओं का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राज्य में निर्वाचित समस्त सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई का अधिकार भोपाल के 21वें अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश सिंह को दिया गया है।’’

विशेष सत्र न्यायाधीश ने कहा,‘‘अत: आरोपी (विजयवर्गीय) की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन पत्र इसके गुण-दोषों पर विचार किये बिना क्षेत्राधिकार के अभाव में निरस्त किया जाता है। यह अर्जी इस निर्देश के साथ खारिज की जाती है कि आरोपी की ओर से सक्षम न्यायालय में इस संबंध में आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाये।"

पिटाई काण्ड के पीड़ित नगर निगम अधिकारी धीरेन्द्र सिंह बायस के वकील की ओर से अदालत में बहस के दौरान भाजपा विधायक की जमानत याचिका पर यह कहते हुए आपत्ति पेश की गयी कि राज्य के सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई का अधिकार भोपाल की विशेष अदालत को है।

इसके जवाब में विजयवर्गीय के वकील की ओर से एक न्याय दृष्टांत पेश कर दलील दी गयी कि इंदौर की सत्र अदालत को भाजपा विधायक की जमानत अर्जी पर सुनवाई का अधिकार है। आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और नवंबर 2018 का विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने।

जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के दौरान विवाद के बाद भाजपा विधायक ने नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था। कैमरे में कैद पिटाई कांड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को कल बुधवार को यहां एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के समक्ष पेश किया गया था।

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उसे 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया था। विजयवर्गीय ने जमानत याचिका खारिज करने के जेएमएफसी के फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। 

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कैलाश विजयवर्गीयइंदौरहाई कोर्ट
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