लखनऊ: परिवारों की रजामंदी से हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की होने जा रही थी शादी, पुलिस ने रुकवा दी, जानिए पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: December 4, 2020 08:47 AM2020-12-04T08:47:32+5:302020-12-04T08:55:34+5:30
यूपी में धर्म परिवर्तन को लेकर हाल में लागू हुए अध्यादेश के बाद पुलिस ने लखनऊ में हो रही एक शादी को रुकवा दिया। ये शादी हालांकि दोनों परिवारों की रजामंदी से हो रही थी और लड़की के पिता के अनुसार यहां जबरन धर्म परिवर्तन की कोई बात नहीं थी।
यूपी में हाल में लागू हुए ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के मद्देनजर पुलिस द्वारा लखनऊ में एक शादी को रूकवाने का मामला सामने आया है। दो धर्मों के लोगों के बीच होने वाली इस शादी को पुलिस ने नए कानून का हवाला देते हुए रूकवा दिया। इस शादी में दुल्हन हिंदू थी और दूल्हा मुस्लिम धर्म से था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मामला बुधवार शाम का है। इस शादी में दोनों धर्मों के रिवाजों को किया जाना था। हालांकि, इससे पहले ही पुलिस पहुंच गई। मिली जानकारी के अनुसार केमेस्ट्री से पोस्टग्रेजुएट 22 साल की रैना गुप्ता और फार्मासिस्सट मोहम्मद आसिफ (24) की ये शादी जिले के हिंदू महासभा प्रमुख की ओर से दी गई सूचना के आधार पर रोकी गई।
दोनों परिवारों ने और इंतजार करने का फैसला किया
इस मामले में हालांकि कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई क्योंकि दोनों परिवारों ने डीएम से इजाजत हासिल करने तक शादी को टालने का फैसला किया। नए नियमों के अनुसार दो धर्मों के लोगों के बीच शादी के लिए डीएम को 2 महीने पहले सूचना देनी होती है। ऐसे में रैना और आसिफ को अब कम से कम दो महीने इंतजार करना होगा।
इस पूरे मामले पर एडिशन डीसीपी (साउथ जोन) सुरेश चंद्र रावत ने बताया, 'पुलिस जब शादी की जगह पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि हिंदू रिति-रिवाजों के तहत शादी कराने की तैयारी चल रही थी। इसके बाद मुस्लिम रिवाज से शादी कराई जानी थी। ये शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हो रही थी। हालांकि, ये तमाम रिवाजों को बिना धर्मांतरण के नहीं किया जा सकता था।'
वहीं, लखनऊ के पारा पुलिस स्टेशन में तैनात त्रिलोकी सिंह के अनुसार जिले के हिंदू महासभा के अध्यक्ष ब्रिजेश शुक्ला ने लिखित में इस होने वाली शादी की सूचना दी थी।
लड़की के पिता ने कहा- यहां जबरन धर्म-परिवर्तन की बात नहीं
एडिशनल डीसीपी रावत ने कहा कि शादी को हाल में लागू हुए अध्यादेश के क्लॉज-2 के सेक्शन-3 और 8 के नियमों के तहत रोका गया। इसमें किसी के भी छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डालकर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में बदलवाने पर रोक है।
साथ ही अध्यादेश में कहा गया है कि धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को जिला अधिकारी के सामने एक निर्धारित प्रोफार्मा पर दो माह पहले इसकी सूचना देनी होगी।
वहीं, लड़की के पिता विजय गुप्ता ने बताया कि इस मामले में कोई जबरन धर्म-परिवर्तन की बात नहीं थी और दोनों परिवार इस शादी के लिए तैयार थे।
उन्होंने कहा, 'पुलिस के बताने से पहले मुझे नहीं मालूम था कि दोनों पक्षों की रजामंदी के बावजूद दो धर्मों के लोगों के बीच शादी के लिए डीएम से इजाजत लेनी होगी। मैं पुलिस के निर्देश का पालन करूंगा और डीएम से इसकी इजाजत लूंगा।' वहीं, लड़का पक्ष ने इस मामले पर फिलहाल कुछ बोलने से इनकार कर दिया।