LOMOTY 2023: कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया, 'क्यों लौटे कर्ज में डूबे वोडाफोन आइडिया के बोर्ड में'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 26, 2023 09:53 PM2023-04-26T21:53:20+5:302023-04-26T21:58:41+5:30
लोकमत 'महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2023' समारोह में बिड़ला समूह के अध्यक्ष और देश के प्रमुख उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया कि वो भारी ऋण समस्या से जूझ रहे वोडाफोन आइडिया कंपनी के बोर्ड में वापस क्यों लौटे हैं।
मुंबई: लोकमत 'महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2023' समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2023' के माध्यम से उन लोगों को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने महाराष्ट्र को गौरवान्वित किया।
यह उन लोगों का उत्सव था, जिन्होंने इस महान राज्य की नियति को आकार दिया और कल के महाराष्ट्रीयनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। लोकमत के इस कार्यक्रम में आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने भाग लिया। अनुभवी व्यवसायी को व्यापार में उनकी दृष्टि के लिए 'लोकमत महाराष्ट्र ऑफ द ईयर पुरस्कार 2023' से सम्मानित किया गया है।
इस मौके पर महाराष्ट्र सहित पूरे देश के शीर्ष बिजनेस घरानों में बिरला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला का इंटरव्यू लोकमत समूह के संपादकीय प्रबंध निदेशक ऋषि दर्डा द्वारा लिया गया। मुंबई के वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में आयोजित 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर 2023' पुरस्कार समारोह में कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया कि वो एक गैर-कार्यकारी और गैर-स्वतंत्र भूमिका में बतौर अतिरिक्त निदेशक के रूप में भारी ऋण समस्या से जूझ रहे वोडाफोन आइडिया के बोर्ड में क्यों वापस लौटे।
कुमार मंगलम बिड़ला ने कार्यक्रम में ऋषि दर्डा के साथ बातचीत करते हुए कहा, "हमने कंपनी में अच्छे अवसरों को परखा, मुझे लगा कि अच्छे मौके का दोहन कंपनी के हित में किया जाना चाहिए। सरकार का यह भी विचार है कि तीन निजी क्षेत्र की कंपनियां दूरसंचार क्षेत्र में होनी चाहिए। अन्य दो कंपनियां अच्छा कर रही हैं। इसलिए ये मेरी जिम्मेदारी है कि वोडाफोन आइडिया के कारोबार को आगे ले जाना है। इसलिए मैंने कंपनी में लौटने का फैसला किया।"
कुमार मंगलम बिड़ला ने अगस्त 2021 में बिड़ला समूह की वोडाफोन आइडिया कंपनी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था। कंपनी के कई प्रमोटरों में में से एक आदित्य बिड़ला समूह की वोडाफोन आइडिया में लगभग 18 फीसदी की और वोडाफोन समूह की लगभग 32 फीसदी की हिस्सेदारी है।
अतीत में भी कुमार मंगलम बिड़ला ने वोडाफोन आइडिया कंपनी में अपनी हिस्सेदारी छोड़ने की पेशकश की थी। अगर वर्तमान समय की बात करें तो वोडाफोन आइडिया कंपनी पर 2.22 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें 1.39 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम भुगतान का दायित्व और 69,910 करोड़ रुपये का सकल राजस्व देय शामिल है।
मालूम हो कि 31 दिसंबर 2022 तक बैंकों और वित्तीय संस्थानों का कुल कर्ज 13,190 करोड़ रुपये था। जिसमें वोडाफोन आइडिया कंपनी के लगभग 16,000 करोड़ रुपये के बकाया को इक्विटी में बदलने की अनुमति देने के बाद सरकार अब कंपनी की सबसे बड़ी शेयरधारक है। यह बड़ा बदलाव तब हुआ, जब दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को कुमार मंगलम बिड़ला ने आश्वासन दिया कि वह कंपनी के लिए फंड और इसे सफलतापूर्वक चलाने की व्यवस्था करेंगे।