मुंगेर लोकसभा सीट: कभी मधुर रहे रिश्ते आज तल्ख़ हो कर चुनाव में दे रहे एक दूसरे को टक्कर!

By भाषा | Published: April 24, 2019 03:44 AM2019-04-24T03:44:26+5:302019-04-24T03:44:26+5:30

लोकसभा चुनाव 2019:योग संस्थान के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा भूमिहार मतदाता हैं। इसके बाद यादव, मुस्लिम, कुर्मी, और धानुक जाति के मतदाता हैं। यहां राजपूत और महादलित समुदाय के मतदाता भी प्रभावी भूमिका में रहते हैं।

loksabha elections 2019: Munger Loksabha seat: The ever tender relations between the two and the other in the elections, today in a rival! | मुंगेर लोकसभा सीट: कभी मधुर रहे रिश्ते आज तल्ख़ हो कर चुनाव में दे रहे एक दूसरे को टक्कर!

गंगा के किनारे बसे मुंगेर का इतिहास काफी गौरवशाली और समृद्ध रहा है। आजादी के बाद योग विद्यालय के कारण मुंगेर को अंतरराष्ट्रीय पहचान तो मिली, लेकिन आज भी यहां विकास कार्य पर्याप्त नहीं हुआ है।

Highlightsमुंगेर में 29 अप्रैल को मतदान होना है।ललन सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी सहयोगी माना जाता है। नीतीश कुमार मुंगेर में ललन सिंह के पक्ष में पूरी ताकत लगा रहे हैं।

बिहार के मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला ऐसे नेताओं के बीच है जिनके बीच पहले कभी संबंध अच्छे थे लेकिन अब रिश्तों में तल्खी आ गयी है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी के रूप मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी और राजग के प्रत्याशी के तौर पर जदयू नेता एवं राज्य के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मैदान में हैं।

योग संस्थान के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा भूमिहार मतदाता हैं। इसके बाद यादव, मुस्लिम, कुर्मी, और धानुक जाति के मतदाता हैं। यहां राजपूत और महादलित समुदाय के मतदाता भी प्रभावी भूमिका में रहते हैं। ललन सिंह और अनंत सिंह दोनों भूमिहार जाति से आते हैं। अनंत सिंह जदयू के विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में मोकामा से निर्दलीय विधायक हैं।

उन्हें कभी नीतीश कुमार का करीबी बताया जाता था लेकिन बिहार में 2015 में जदयू..राजद की सरकार बनने के बाद एक मामले में उनके जेल जाने से इन रिश्तों में तल्खी आई गई। अनंत सिंह और ललन सिंह के बीच भी कभी अच्छे संबंध रहे थे।

ललन सिंह को 2009 में जीत हासिल हुई थी, जबकि पिछले चुनाव में उन्हें दूसरे नंबर पर रहना पड़ा था। इस बार वह स्वजातीय मतदाताओं के अलावा, अतिपिछडी जाति और दलित मतदाताओं को साधने में पूरा जोर लगा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के समक्ष अपने स्वजातीय मतदाताओं में सेंधमारी के अलावा राजद के मजबूत ‘माय’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण को साधने की चुनौती है।

मुंगेर में 29 अप्रैल को मतदान होना है। ललन सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी सहयोगी माना जाता है। नीतीश कुमार मुंगेर में ललन सिंह के पक्ष में पूरी ताकत लगा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की भी सभाएं यहां हुई हैं। उधर अनंत सिंह की पत्नी के खिलाफ चुनाव प्रचार में बाहुबली सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक सुनील पांडे भी जोर लगा रहे हैं।

अनंत सिंह ने दावा किया कि इस क्षेत्र में जनता ने उन्हें और कांग्रेस को समर्थन देने का मन बना लिया है और प्रतिद्वन्द्वी उम्मीदवार ललन सिंह की जमानत जब्त हो जायेगी। वहीं, ललन सिंह ने कहा कि मुंगेर में हमें कोई परेशानी नहीं होगी और हम रिकार्ड मतों से जीतेंगे। हम लोगों से विकास कार्यों तथा राज्य और केंद्र दोनों सरकारों के कामकाज के आधार पर वोट मांग रहे हैं।

गंगा के किनारे बसे मुंगेर का इतिहास काफी गौरवशाली और समृद्ध रहा है। आजादी के बाद योग विद्यालय के कारण मुंगेर को अंतरराष्ट्रीय पहचान तो मिली, लेकिन आज भी यहां विकास कार्य पर्याप्त नहीं हुआ है।

इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सरकारी नियंत्रण में बंदूक का निर्माण किया जाता है लेकिन पिछले कुछ वर्षो में यह क्षेत्र अवैध बंदूक निर्माण एवं तस्करी के लिये कुख्यात हो चुका है। रोजगार की उचित व्यवस्था नहीं होने से लोगों का पलायन जारी है। 

Web Title: loksabha elections 2019: Munger Loksabha seat: The ever tender relations between the two and the other in the elections, today in a rival!



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