Lokmat Parliamentary Award 2025: लोकमत के चेयरमैन विजय दर्डा 'संसदीय पुरस्कार' के मंच से बोले- 'लोकमत का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही'
By अंजली चौहान | Updated: December 17, 2025 18:56 IST2025-12-17T18:54:28+5:302025-12-17T18:56:10+5:30
Lokmat Parliamentary Award 2025: लोकमत संसदीय पुरस्कार 2017 में शुरू किए गए थे, यह उन सांसदों को सम्मानित करने की हमारी पहल है जो प्रगति लाते हैं, आशा पैदा करते हैं और हमारे देश के लिए प्रेरणा और गौरव का स्रोत हैं।

Lokmat Parliamentary Award 2025: लोकमत के चेयरमैन विजय दर्डा 'संसदीय पुरस्कार' के मंच से बोले- 'लोकमत का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही'
Lokmat Parliamentary Award 2025: भारतीय लोकतंत्र के मंदिर 'संसद' में जनता की आवाज बुलंद करने वाले जनप्रतिनिधियों के सम्मान का मंच सज चुका है। नई दिल्ली में आयोजित 'लोकमत संसदीय पुरस्कार 2025' के जरिए उन सांसदों को सम्मानित किया जा रहा है, जिन्होंने अपनी वाकपटुता, सक्रियता और विधायी कार्यों से संसदीय गरिमा को नई ऊंचाइयां दी हैं। लोकमत मीडिया समूह के चेयरमैन और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. विजय दर्डा ने 'लोकमत संसदीय पुरस्कार 2025' के मंच पर लोकतंत्र, संसदीय मर्यादा और जनसेवा को लेकर महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं।
विजय दर्डा ने इस बात पर जोर दिया कि संसद केवल कानून बनाने की जगह नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की आशाओं का केंद्र है। उन्होंने कहा कि "संसदीय पुरस्कारों का उद्देश्य उन सांसदों को प्रोत्साहित करना है जो शोर-शराबे के बीच भी सार्थक बहस और विधायी कार्यों को प्राथमिकता देते हैं।"
उन्होंने उल्लेख किया कि लोकमत समूह इन पुरस्कारों के माध्यम से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ (मीडिया) की जिम्मेदारी निभा रहा है।
LIVE | Lokmat Parliamentary Awards 2024-2025 (6th Edition) | Lokmat National Conclave (5th Edition)
— Vijay Darda (@vijayjdarda) December 17, 2025
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उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य राजनीति में अच्छे काम करने वाले लोगों को पहचान देना है, ताकि आने वाली पीढ़ी के जनप्रतिनिधियों के लिए वे एक रोल मॉडल बन सकें।"
डॉ. दर्डा ने चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बात करते हुए कहा कि प्रफुल्ल पटेल की अध्यक्षता वाली जूरी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केवल परफॉरमेंस (कार्यक्षमता) को आधार बनाया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि कैसे ये पुरस्कार पक्ष और विपक्ष के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करते हैं।
उन्होंने अन्य विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सक्रियता ही भारतीय लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखती है।