Lokmat National Conclave 2025: 'विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का अस्तित्व देश के आम नागरिकों के अधिकार, न्याय को सुनिश्चित करना है', पूर्व सीजेआई बीआर गवई बोले

By रुस्तम राणा | Updated: December 17, 2025 20:53 IST2025-12-17T19:52:40+5:302025-12-17T20:53:50+5:30

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि संविधान की जितनी भी संस्थाएं हैं फिर चाहें वह विधायिका, कार्यपालिका हो या फिर न्यायपालिका, इन सभी का अस्तित्व देश के आम नागरिकों के हक, न्याय और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए हैं। 

Lokmat National Conclave 2025: 'The existence of the legislature, executive, and judiciary is to ensure the rights and justice of the common citizens of the country,' said former CJI BR Gavai. | Lokmat National Conclave 2025: 'विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का अस्तित्व देश के आम नागरिकों के अधिकार, न्याय को सुनिश्चित करना है', पूर्व सीजेआई बीआर गवई बोले

Lokmat National Conclave 2025: 'विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का अस्तित्व देश के आम नागरिकों के अधिकार, न्याय को सुनिश्चित करना है', पूर्व सीजेआई बीआर गवई बोले

Lokmat National Conclave 2025: नई दिल्ली में बुधवार को 'लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव 2025' के मंच पर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीआर गवई ने मंच से अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारे देश का जो संविधान है, वह इस देश के नागरिकों के लिए बना है। संविधान की जितनी भी संस्थाएं हैं फिर चाहें वह विधायिका, कार्यपालिका हो या फिर न्यायपालिका, इन सभी का अस्तित्व देश के आम नागरिकों के हक, न्याय और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए हैं। 

उन्होंने कहा कि संविधान ने हम तीनों (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) को अलग-अलग दायरे में काम करने का अधिकार दिया है। उसी के अनुसार हम अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। पूर्व सीजेआई ने कहा कि संसद संविधान का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। देश में जो कानून बनते हैं उसका अधिकार विधायिका के पास है। हमारा संविधान राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय और समानता का विचार है। 

उन्होंने संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर को कोट करते हुए कहा कि डॉक्टर अंबेडकर हमेशा कहा करते थे कि राजनैतिक समानता तब तक उपयोगी नहीं है, जब तक सामाजिक और आर्थिक समानता न आए। उन्होंने कहा कि इस देश की संसद ने आर्थिक, सामाजिक समानता लाने के लिए अनेक कार्य किए हैं। कार्यपालिका ने भी इसके लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। इसके अलावा न्यायपालिका ने भी इसके लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। अंत में गवई ने मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में अवार्ड पाने वाले सभी सांसदों को बधाई दी।

बता दें कि जनता की समस्याओं को संसद में प्रभावी ढंग से उठाने वाले सर्वश्रेष्ठ सांसदों को बुधवार को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। राजधानी दिल्ली स्थित नए महाराष्ट्र सदन में यह पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया है. यह पुरस्कार का छठा संस्करण है। 

Web Title: Lokmat National Conclave 2025: 'The existence of the legislature, executive, and judiciary is to ensure the rights and justice of the common citizens of the country,' said former CJI BR Gavai.

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